Friday, October 12, 2012

दुनिया के किसी भी आश्‍चर्य से कम नहीं – अजन्‍ता और एलोरा की गुफाएं

औरंगाबाद से 120 किमी की दूरी पर स्थित अजन्‍ता गुफाएं भारतीय कला और संस्‍कृति की अनूठी मिसाल है। यह अद्भुत ही नहीं अपितु आश्‍चर्यचकित करने वाली हैं। दो किलोमीटर के दायरे में फैले पहाड़ के गर्भ में अनेक गुफाओं को कलाकारों ने इस प्रकार से तराशा है कि वे विश्‍व के आश्‍चर्यों में चाहे शामिल नहीं की गयी हो लेकिन वे किसी भी आश्‍चर्य से कम नहीं हैं। लेकिन इन्‍हें भारत के सात आश्‍चर्यो में अवश्‍य गिना जाता है। शेष पोस्‍ट को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें - 
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Friday, October 5, 2012

समापन खण्‍ड – विवेकानन्‍द ने अमेरिका में 11 सितम्‍बर 1893 को भारतीय संस्‍कृति को स्‍थापित किया

खेतड़ी नरेश राजा अजीत सिंह‍ को पुत्र प्राप्ति हुई और तब उन्‍हें स्‍वामीजी का ध्‍यान आया। वे बेचैन हो गए, उन्‍होंने दीवान जी को कहा कि दीवान जी बहुत बड़ी भूल हो गयी है। मैं स्‍वामी जी को ही विस्‍मृत कर बैठा। लेकिन अब पुत्र जन्‍मोत्‍सव तभी मनाऊँगा जब स्‍वामी यहाँ आएंगे। 
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