Thursday, January 8, 2009

अपने देश में तुम आना

विदेश में बसे भारतीयों के लिए

पीर गंध की जगने पर
हूक उठे तब तुम आना
मन के डगमग होने पर
अपने देश में तुम आना।

सन्नाटा पसरे मन में
दस्तक कोई दे न सके
चींचीं चिड़िया की सुनने
अपने देश में तुम आना।

घर के गलियारे सूने
ना ही गाड़ी की पींपीं
याद जगे कोलाहल की
अपने देश में तुम आना।

शोख रंगों की चाहत हो
फीके रंग से मन धापे
रंगबिरंगी चूंदड़ पाने
अपने देश में तुम आना।

सौंधी मिट्टी, मीठी रोटी
अपना गन्ना, खट्टी इमली
मांगे जीभ तुम्हारी जब
अपने देश में तुम आना।

बेगानापन खल जाए
याद सताए अपनों की
सबकुछ छोड़ छाड़कर तब
अपने देश में तुम आना।

कोई सैनिक दिख जाए
मौल पूछना धरती का
मिट्टी का कर्ज चुकाने तब
अपने देश में तुम आना।

वीराना पसरे घर में
दिख जाए बूढ़ी आँखें
अपनी ठोर ढूंढने तब
अपने देश में तुम आना।

9 comments:

Unknown said...

very beautiful and emotional bhua

Smart Indian said...
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Smart Indian said...

बेगानापन खल जाए
याद सताए अपनों की
सबकुछ छोड़ छाड़कर तब
अपने देश में तुम आना।

अजित जी उपरोक्त पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगीं. आपकी यह रचना पढ़कर रामायण की निम्न पंक्तियाँ याद आ गयीं!
अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी (रामायण)

Divya Narmada said...

अपने देश में तुम आना.
जो कुछ अच्छा वहाँ लगा.
वह सब यहाँ बना जाना.
और बुरा जो वहाँ दिखा,
वह सब वहीं छोड़ आना.
आँख बिछाए बैठा हूँ,
जब चाहो वापस आना.

साधुवाद, ह्रदय स्पर्स्शी रचना.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

प्रवासियों को सांत्वना देती हुई अच्छी रचना

यशवन्त माथुर (Yashwant Raj Bali Mathur) said...

कोई सैनिक दिख जाए
मौल पूछना धरती का
मिट्टी का कर्ज चुकाने तब
अपने देश में तुम आना।

बेहतरीन पंक्तियाँ.

सादर

Anupama Tripathi said...

शोख रंगों की चाहत हो
फीके रंग से मन धापे
रंगबिरंगी चूंदड़ पाने
अपने देश में तुम आना।
apne desh ka rang hi alag hai ...!!
bahut sunder likha hai ...badhai ...

अनामिका की सदायें ...... said...

bahut badhiya aamantran.

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) said...

डालर से जब जी भर जाये
चिल्हर की जब याद सताए
चौपाटी की हूक उठे मन
अपने देश चले आना.
नौटप्पे की गर्म हवाएं
मानसून की श्याम घटायें
शीतलहर को तरसे मन तब
अपने देश चले आना.
आपकी कविता ने भावुक कर दिया तो इन पंक्तियों ने की-बोर्ड पर ही जन्म ले लिया.