Friday, November 24, 2017

थैंक्स गिविंग और परिवार का एकत्रीकरण

आज नवम्बर मास का चौथा गुरूवार है और अमेरिका में इस दिन त्योहार का मौसम होता है। पूरे अमेरिका में छुट्टी का दिन। कल तक हर व्यक्ति यात्रा कर रहा था, उसे आज के दिन अपने परिवार के साथ रहना है। सारा परिवार एक साथ रहेगा, शाम का डिनर साथ करेगा और फिर बाजार करेगा। बाजार में भारी छूट मिलेगी और इसी कारण कल के शुक्रवार को ब्लेक-फ्राइडे कहा गया है। सारी दुनिया में फसल का ही महत्व है, फसल नहीं तो मनुष्यों के लिये खाने को कुछ नहीं। फसल जब पक जाती है तब सारी दुनिया में त्योहार मनाया जाता है और अमेरिका में भी थैंक्स-गिविंग के रूप में मनाया जाता है। भारत में सारे त्योहार ही फसल के कारण है लेकिन अमेरिका में फसल के कारण आभार जताने का त्योहार है, जो प्रकृति की देन को प्रणाम करने जैसा है। आज यहाँ पूरा बाजार बन्द है लेकिन रात 12 बजे बाजार सजेगा और भारी छूट के साथ सामान बिकेगा। बाजारों में रात 12 बजे से ही कतारें लग जाएंगी, कहीं-कहीं तो पहले आने वालों को भारी छूट भी मिलती है तो रात से ही अफरा-तफरी रहती है।

सबका मन करता है परिवार में रहने को, सब आज के दिन अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं, मुझे दीवाली की याद आने लगी है, जब श्रीराम अपने परिवार के पास लौटे थे और फिर परिवार में इस दिन साथ रहने की परम्परा ने जन्म लिया। हमारे यहाँ की रेले, बसे, हवाई-जहाज सारे ही पेक होकर चलते हैं दीवाली के दिन और यहाँ भी इत दिन हवाई-जहाज में टिकट नहीं मिलती और लोग अपनी गाड़ियों से ही अपने घर आते हैं। रास्ते की सड़के ठसाठस हो जाती हैं। हर घर में जश्न रहता है। थैंक्स देना अच्छी  परम्परा है और इसकी शुरुआत यूरोपियन्स ने की थी, जब वे अमेरिका आए थे और यहाँ के निवासियों ने उन्हें रहने को स्थान और खेती के लिये जमीन दी थी, तब उन्होंने थैंक्स गिविंग मनाया था। वो अलग बात है कि फिर इन्होंने लाखों अमेरिकन्स का कत्लेआम किया और यहाँ पर राज किया। लेकिन अब खेती और फसल के साथ यह त्योहार जुड़ गया है। सारा परिवार एकत्र होकर त्योहार मनाता है, बस यह परम्परा अच्छी है। यही कारण है कि परिवार का एकत्रीकरण सभी लोगों में प्रचलन में आ गया है। कल भारी छूट के साथ बाजार खुलेगा तब सारा अमेरिका बाजार में होगा, हम भी देखते हैं कि  जाएं और उस नजारे को देख लें। कल के समाचार कल देंगे, अभी इतना ही। 

4 comments:

विकास नैनवाल 'अंजान' said...
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विकास नैनवाल 'अंजान' said...

सुन्दर चित्रण। आपके साथ हम भी घूम रहे हैं उधर। अगली कड़ी का इंतजार है।

कविता रावत said...

बहुत अच्छी जानकारी प्रस्तुत की है आपने, धन्यवाद
प्रेरक प्रस्तुति

अजित गुप्ता का कोना said...

आभार विकास जी और कविता जी।