Friday, May 15, 2015

सुन्‍दरता तू दुखी क्‍यूं है?

सुन्‍दरता के ही सपने होते हैं। न जाने सुन्‍दरता में ऐसी क्‍या बात है जो सपने देखने लगती है और जो सुन्‍दर नहीं है वे तो सपने भी नहीं देखते। उन्‍हें लगता है कि जो भगवान प्रसाद स्‍वरूप दे देगा वही श्रेष्‍ठ होगा। पोस्‍ट को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें - http://sahityakar.com/wordpress/%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%A4%E0%A5%82-%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%96%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%82/