Saturday, April 18, 2015

स्‍लेट जब रिक्‍त हो जाए तब अपनापन ही रिक्‍तता को भरता है

हमारे पास अधिकार के कुछ नम्‍बर होते हैं, रात 2 बजे भी उन्‍हीं नम्‍बरों पर हम डायल करके उनकी बाँहों को आमन्त्रित कर लेते हैं। वे भी तुरन्‍त ही बिना विलम्‍ब किए आ जाते हैं और आश्‍वस्‍त कर देते हैं कि हम अकेले नहीं है। 
पोस्‍ट की लिंक - http://sahityakar.com/wordpress/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%9F-%E0%A4%9C%E0%A4%AC-%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%A4-%E0%A4%B9%E0%A5%8B-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%8F-%E0%A4%A4%E0%A4%AC/