आज दुनिया का अधिकांश व्यक्ति गुलामी का जीवन जी रहा
है, वह किसी भी दिन सड़क पर आ सकता है। इसमें खुद को राजा समझने वाले लोग भी हैं
और सामान्य प्रजा भी। आज राजा भी तो वोट के सहारे ही जिन्दा है! वोट के लिये उसे
क्या-क्या नहीं करना पड़ता! अपना धर्म तक गिरवी रखना पड़ता है। जिस कलाकार को हम
मरजी का मालिक मानते थे आज वह भी गुलामी का जीवन जीने लगा है।
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