श्रीमती अजित गुप्ता प्रकाशित पुस्तकें - शब्द जो मकरंद बने, सांझ की झंकार (कविता संग्रह), अहम् से वयम् तक (निबन्ध संग्रह) सैलाबी तटबन्ध (उपन्यास), अरण्य में सूरज (उपन्यास) हम गुलेलची (व्यंग्य संग्रह), बौर तो आए (निबन्ध संग्रह), सोने का पिंजर---अमेरिका और मैं (संस्मरणात्मक यात्रा वृतान्त), प्रेम का पाठ (लघु कथा संग्रह) आदि।
Friday, March 1, 2013
हम चिड़ियाघर की तरह अपने-अपने कक्ष में बैठे हैं
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4 comments:
वाह बहुत बढ़िया | आभार |
Tamasha-E-Zindagi
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गजब का फलसफा दिया है आपने आदरणीया ... सभी अच्छे लगें ऐसा कहाँ सम्भव और बारहों महीने। बुरा न माने तो मेरे पोस्ट ** भेड़िया ** पर एक नज़र डालें शायद आपका मन हल्का हो।
सुन्दर भाव | आभार
यहाँ भी पधारें और लेखन पसंद आने पर अनुसरण करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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तुषार जी आभार।
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