Saturday, January 12, 2013

स्‍वामी विवेकानन्‍द के सांस्‍कृतिक नवजागरण में महिलाओं का योगदान


स्‍वामी विवेकानन्‍द की 150वीं जन्‍मशताब्‍दी वर्ष पर विशेष

स्‍वामी विवेकानन्‍द बाल्‍यकाल से ही सांस्‍कृतिक एवं आध्‍यात्मिक नवजागरण के प्रखर चिंतक रहे हैं। बाल्‍यकाल में राम-सीता के युगल रूप की आराधना करते हुए, भक्‍त प्रहलाद और नचिकेता सहित अनेक पौराणिक आदर्शों का नाट्य मंचन उनके प्रतिदिन के कार्यकलापों में निहित था।
पोस्‍ट को पूरा पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें -http://sahityakar.com/wordpress/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%80-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8/

5 comments:

Ramakant Singh said...

जागो और आगे बढ़ो ..का सन्देश देती ...

आर्यावर्त डेस्क said...

प्रभावशाली ,
जारी रहें।

शुभकामना !!!

आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़)
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रविकर said...

प्रभावी प्रस्तुति |
आभार आदरेया ||

अन्दर टिप्पणी नहीं हो पाई -
सादर -

अजित गुप्ता का कोना said...

रविकर जी आपका आभार।

कविता रावत said...

बहुत बढ़िया प्रेरक प्रस्तुति ..आभार