श्रीमती अजित गुप्ता
प्रकाशित पुस्तकें - शब्द जो मकरंद बने, सांझ की झंकार (कविता संग्रह), अहम् से वयम् तक (निबन्ध संग्रह) सैलाबी तटबन्ध (उपन्यास), अरण्य में सूरज (उपन्यास)
हम गुलेलची (व्यंग्य संग्रह), बौर तो आए (निबन्ध संग्रह), सोने का पिंजर---अमेरिका और मैं (संस्मरणात्मक यात्रा वृतान्त), प्रेम का पाठ (लघु कथा संग्रह) आदि।
Saturday, July 7, 2012
अभिव्यक्ति को मार्ग दो, नहीं तो वह विस्फोट में बदल जाएगी
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3 comments:
गहरी बातें.
anya jagah bhi prastuti den kintu apna kona khali n chhoden.धिक्कार तुम्हे है तब मानव ||
शालिनी जी, अपना कोना खाली नहीं छोड़ेंगे अब। आभार।
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