Thursday, March 29, 2012

रिश्‍तों में एक खुशबू होती है, बस उसे मुठ्ठी में भरने की जरूरत है

रिश्‍तों में एक खुशबू होती है, बस उसे मुठ्ठी में भरने की जरूरत है 
इस पोस्‍ट को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें - www.sahityakar.com

4 comments:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

वाह ! ! ! ! ! बहुत खूब सुंदर रचना,बेहतरीन भाव,....

MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: तुम्हारा चेहरा,

Pawan Kumar said...

बहुत सुन्दर....

दिगम्बर नासवा said...

ऐसी भूली बिसरी यादें कभी कभि अचानक ही अतीत में ले जाती हैं और उस सुखद एहसास को जिन्दा कर जाती हैं ... ऐसे स्वार्थ हीन लम्हों को जीना और उन्हें यादों के आकाश में तारों की चमकते देखना बहित ही सुखद होता है .

अनुराग चन्देरी said...

जीवन में प्यार की वास्तविकता को दर्शाता यह लेख बहुत सार्थक एवं सटीक है, इतने प्यारे लेख के लिए धन्यवाद एवं बधाईयाँ .