Saturday, July 25, 2009

लोरी - गुब्‍बारे में सैर करूँगी

अपनी नाती के लिए एक लोरी बनायी थी। सोचा कि सभी नाती, पोतों के काम आएगी तो यहाँ पोस् कर रही हूँ। आप सभी की प्रतिक्रिया का इन्तजार रहेगा।


गुब्‍बारे में सैर करूँगी

नानी से मिल आऊँगी

जब भी मुझको निदियाँ आए

चन्‍दा से मिल आऊँगी।


एक टोकरी सपने होंगे

मुठ्ठी में भर लाऊँगी

थोड़ा-थोड़ा सबको दूँगी

आँखों में भर आऊँगी

बगिया में खेलूँगी ऐसे

सबके मन पर छाऊँगी।


नानी की बाँहों का झूला

मम्‍मी से मैं पाऊँगी

हिचकी-हिचकी याद करूँगी

सपनों में मिल आऊँगी

नानी की पप्‍पी मैं लेकर

जल्‍दी वापस आऊँगी।

28 comments:

रंजू भाटिया said...

बहुत सुन्दर लगी आपकी लिखी यह लोरी ..मीठा सा प्यारा एहसास हैं इस में

sandhyagupta said...

Bal sahitya hindi me ek upekshit si vidha hai.Aisi sthithi me koi bhi prayas taza hawa ke jhonke ke saman jaan padta hai.

निर्मला कपिला said...

इतनी प्यारी लोरी सुन कर नातिन तो सो ही जायेगी मुझे भी नीन्द आने लगी है बहुत बहुत खूबसूरत मीठी सी और प्यारी सी ल्री है मैं भी अपनी नातिन को सुनाऊँगी् आभार्

Unknown said...

ati sundar

M VERMA said...

अच्छा है आपने लोरी शेयर किया.
बहुत अच्छी रचना
जरूर आपका नाती इस लोरी को सुनकर सो जाता होगा.

संजीव गौतम said...

बहुत मिठास लिये है, इसकी सबसे बडी ख़ासियत है इसका भोलापन, इसकी सरलता,पानी की तरह सरल रवानगी. अद्भुत!!!! बधाई

kalaam-e-sajal said...

खूबसूरत जज़्बात। आजकल बालसाहित्य की बहुत कमी है। अच्छी कवितायें वही होंगी जो विषय to बच्चों के उठायें मगर उनमे एक सुलझे हुए कवि की परिपक्वता हो.
Dr. Jagmohan Rai

विनोद कुमार पांडेय said...

बचपन की ओर ले जाती..
प्यार उड़ेलती ,बहुत प्यारी कविता..

नानी और बचपन का बड़ा मजबूत रिश्ता है..

सुंदर गीत...

Smart Indian said...

बहुत सुन्दर, बहुत मीठी. धन्यवाद!

Prem Farukhabadi said...

नानी की बाँहों का झूला मम्‍मी से मैं पाऊँगी हिचकी-हिचकी याद करूँगी सपनों में मिल आऊँगी नानी की पप्‍पी मैं लेकर जल्‍दी वापस आऊँगी।

bahut hi pyare bhav lage badhai!

दिगम्बर नासवा said...

pyaari सी है आपकी lori........... madhur

शोभना चौरे said...

bahut pyari lagi aapki ye lori .mai bhi apne ane vale pote ya poti ko sunaungi lori.

somadri said...

itani jaldi aap vapas ku aayengi.. nani ke pass thode din aur ruken phir kahan vo sapne milenge?
phir vo kahan apane milenge?
http://som-ras.blogspot.com

Harshvardhan said...

gagar me sagar hai yah post.........

Akshitaa (Pakhi) said...

Yah to bahut sundar hai.Ap kitni achhi hain.....thanks.

पाखी की दुनिया में देखें-मेरी बोटिंग-ट्रिप !!

नीरज गोस्वामी said...

बहुत प्यारी लोरी लिखी है आपने...नाती तो है नहीं इसलिए इसे मैं अपनी पोती को सुनाऊंगा...आपके ब्लॉग पर आज पहली बार आना हुआ...आपका लेखन बहुत प्रभावशाली है...अच्छा लगा...इस बार जब जयपुर गया तो आपकी पुस्तकें जरूर खरीद कर पढूंगा...
नीरज

हरकीरत ' हीर' said...

एक टोकरी सपने होंगे

मुठ्ठी में भर लाऊँगी

थोड़ा-थोड़ा सबको दूँगी

आँखों में भर आऊँगी

बगिया में खेलूँगी ऐसे

सबके मन पर छाऊँगी।


सुन्दर लगी आपकी लोरी .....!!

shivraj gujar said...

bahut hi badiya. loriyan suni to bahut hai lekin padane ka pahali bar moka mila. maja aa gaya. vakai bahu badiya. sadhuvaad.
vaqt mile to mere blog (meridayari.blogspot.com) par bhi visit karen

रावेंद्रकुमार रवि said...

बालसाहित्य में
लोरियों की बहुत कमी है!
आप इस कमी को
पूरा कर रही हैं - यह एक
महत्वपूर्ण बात है!
मेरी ओर से बधाई
और
शुभकामनाएँ स्वीकार कीजिए!

Arshia Ali said...

बहुत प्यारा बालगीत है, बधाई.
{ Treasurer-T & S }

Berojgar said...

मेरी जानकारी को अपडेट करने के लिए धन्यवाद. आप मेरे ब्लॉग पर आये और मुझे पढ़ा.इसके लिए भी शुक्रिया. "गुब्बारे में सैर करुँगी" अच्छी लगी.

kshama said...

दिल करता है ,आपकी नातिन बन जाऊँ !

और वो इसके पहले वाली रचना ..! मै मुग्ध ..स्तब्ध हूँ ...! एक गाँव मेरीभी निगाहों में बस गया ...

हरकीरत ' हीर' said...
This comment has been removed by the author.
अजित गुप्ता का कोना said...

क्षमाजी

लोरी सुनने के लिए मेरी नाती बनना चाह रही हैं, बढिया बात है। वैसे हम सब की भी इच्‍छा होती है कि कोई भी हमें प्‍यार से थपकी देकर लोरी सुनाकर सुला दे। धन्‍यवाद।

padmja sharma said...

ek lambe samay bad lori sunane ko mili.kan taras rahe the.koi bat nahi,kam se kam ankhon ko padhane ko hi mili.

रचना त्रिपाठी said...

बहुत अच्छी लोरी रही इसी बहाने हम भी गुनगुना लिए।
हमारी भी कोशिश रहेगी कि अभी से हम भी अपने नाती पोतों के लिए एक लोरी बनाए। अभी नाती पोतों में बहुत समय है आपकी यह लोरी मैं अपने बेटे को सुनाउंगी।

Anonymous said...

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