श्रीमती अजित गुप्ता प्रकाशित पुस्तकें - शब्द जो मकरंद बने, सांझ की झंकार (कविता संग्रह), अहम् से वयम् तक (निबन्ध संग्रह) सैलाबी तटबन्ध (उपन्यास), अरण्य में सूरज (उपन्यास) हम गुलेलची (व्यंग्य संग्रह), बौर तो आए (निबन्ध संग्रह), सोने का पिंजर---अमेरिका और मैं (संस्मरणात्मक यात्रा वृतान्त), प्रेम का पाठ (लघु कथा संग्रह) आदि।
Tuesday, April 28, 2009
सफलता का मापदण्ड क्या?
हम अक्सर कहते हैं कि हम सफल हुए या असफल हुए। लेकिन क्या है इस सफलता का पैमाना? धन-दौलत का अम्बार या पारिवारिक सुख। शिक्षा से मण्डित या अशिक्षित लेकिन ज्ञानवान। हम यदि श्रेणियों में विभक्त करेंगे तो नाना प्रकार मिलेंगे सफलता के फिर भी हम खुश नहीं रहते। हमारी चाही एक सफलता हमें मिल जाती है तो हम दूसरी की ओर दौड़ने लगते हैं। अब आप ही बताइए कि हम एक आम व्यक्ति को सफलता के किस तराजू में तौले?
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7 comments:
वैसे शाब्दिक अर्थ में तो कर्म का उचित फल मिलना ही सफलता हुई.
मैं तो निर्भयता, संतोष और आनंद को सफलता के अवयव मानता हूँ. जिसके जीवन में यह तीन नहीं हैं उसके पास कुछ भी हो, सफलता तो नहीं ही है.
मन की खुशी है तो सब कुछ है,,,
चाहे पाकर है या खोकर है,,,पर किसी भी भौतिक सुख से मन की ख़ुशी का कोई लेना देना नहीं होता ,,,,
आपकी लघुकथाएं भी पढी ,,,,, आपके नजरिये को जाना तो अच्छा लगा,,,,,
मन के हरे हार है,
मन के जीते जीत.
सफलता के भी अपने-अपने पैमाने हैं. सफलता और असफलता एक साथ आती हैं. एक पलडा झुकता है तो दूसरा उठता है. दिया जलते ही नीचे अँधेरा हो जाता है. एक आयाम की सफलता का बराबर ही असफलता किसी अन्य आयाम में आ जाती है. दिखे-न दिखे, जानें-न जानें...पर इसका विपरीत नहीं होता...अर्थात हर असफलता के बराबर सफलता अपने आप नहीं आती. अँधेरा लाना नहीं होता, प्रकाश के मिटते ही अँधेरा अपने आप हो जाता है प्रकाश करना होता है. वैसे ही सफलता भी लानी होती है.
सफ़लता का मतलब है अपने लिए निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति। सवाल सही लक्ष्य के निर्धारण का है। इसके मापदन्ड सबके लिए अलग-अलग हैं जो उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि,शिक्षा व संस्कार पर निर्भर है।
मनुष्य जहाँ है ,जिस हाल में भी है ,यदि वो खुश है तो अति सफल है..मेरे ख़याल से .
इस भागम भाग में ...किसीको किसी की खबर नहीं..अपनी खबर नही..एक अन्धी दौड़..बस ...दौड़ रहे हैं सभी ..
सादर !!
sabse pahale aapko nani banane ki badhai..........is k bad aap mere blog par aaye, aalekh padha ,pasand kiya aur vicharon ko bal diya us k liye hardik saadhuvaad aur aapke blog par mujhe jo mila us rachna bhandar k liye BAHUT BAHUT BADHAI aap bahut hi achha aur sarthak likhti hain
WISH YOU ALL THE VERY BEST
आप सभी ने सफलता के नवीन सूत्रों से परिचित कराया। इस चर्चा का यही उद्देश्य भी था। मुझे तो कभी लगता है कि जीवन में सच्चे और अच्छे मित्र मिल जाए तो जीवन सफल लगने लगता है। आप सभी का धन्यवाद।
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