tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post915173806098464725..comments2023-12-30T03:15:36.067+05:30Comments on अजित गुप्ता का कोना: सफलता का मापदण्ड क्या?अजित गुप्ता का कोनाhttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-47209230068237393482009-05-08T11:55:00.000+05:302009-05-08T11:55:00.000+05:30आप सभी ने सफलता के नवीन सूत्रों से परिचित कराया। इ...आप सभी ने सफलता के नवीन सूत्रों से परिचित कराया। इस चर्चा का यही उद्देश्य भी था। मुझे तो कभी लगता है कि जीवन में सच्चे और अच्छे मित्र मिल जाए तो जीवन सफल लगने लगता है। आप सभी का धन्यवाद।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-85978843147595979742009-05-07T12:58:00.000+05:302009-05-07T12:58:00.000+05:30sabse pahale aapko nani banane ki badhai.............sabse pahale aapko nani banane ki badhai..........is k bad aap mere blog par aaye, aalekh padha ,pasand kiya aur vicharon ko bal diya us k liye hardik saadhuvaad aur aapke blog par mujhe jo mila us rachna bhandar k liye BAHUT BAHUT BADHAI aap bahut hi achha aur sarthak likhti hain<br />WISH YOU ALL THE VERY BESTAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-72926450412794443282009-05-04T19:50:00.000+05:302009-05-04T19:50:00.000+05:30मनुष्य जहाँ है ,जिस हाल में भी है ,यदि वो खुश है त...मनुष्य जहाँ है ,जिस हाल में भी है ,यदि वो खुश है तो अति सफल है..मेरे ख़याल से .<br /><br />इस भागम भाग में ...किसीको किसी की खबर नहीं..अपनी खबर नही..एक अन्धी दौड़..बस ...दौड़ रहे हैं सभी ..<br /><br />सादर !! Ria Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07417119595865188451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-52570060332467325892009-05-03T21:01:00.000+05:302009-05-03T21:01:00.000+05:30सफ़लता का मतलब है अपने लिए निर्धारित लक्ष्य की प्रा...सफ़लता का मतलब है अपने लिए निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति। सवाल सही लक्ष्य के निर्धारण का है। इसके मापदन्ड सबके लिए अलग-अलग हैं जो उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि,शिक्षा व संस्कार पर निर्भर है।रचना त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/12447137636169421362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-37323076192853049112009-05-02T22:16:00.000+05:302009-05-02T22:16:00.000+05:30मन के हरे हार है,
मन के जीते जीत.
सफलता के भी अ...मन के हरे हार है, <br />मन के जीते जीत. <br /><br />सफलता के भी अपने-अपने पैमाने हैं. सफलता और असफलता एक साथ आती हैं. एक पलडा झुकता है तो दूसरा उठता है. दिया जलते ही नीचे अँधेरा हो जाता है. एक आयाम की सफलता का बराबर ही असफलता किसी अन्य आयाम में आ जाती है. दिखे-न दिखे, जानें-न जानें...पर इसका विपरीत नहीं होता...अर्थात हर असफलता के बराबर सफलता अपने आप नहीं आती. अँधेरा लाना नहीं होता, प्रकाश के मिटते ही अँधेरा अपने आप हो जाता है प्रकाश करना होता है. वैसे ही सफलता भी लानी होती है.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-35158292897997184352009-05-01T08:13:00.000+05:302009-05-01T08:13:00.000+05:30मन की खुशी है तो सब कुछ है,,,
चाहे पाकर है या खोकर...मन की खुशी है तो सब कुछ है,,,<br />चाहे पाकर है या खोकर है,,,पर किसी भी भौतिक सुख से मन की ख़ुशी का कोई लेना देना नहीं होता ,,,,<br />आपकी लघुकथाएं भी पढी ,,,,, आपके नजरिये को जाना तो अच्छा लगा,,,,,manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-1075610368336750252009-04-29T16:29:00.000+05:302009-04-29T16:29:00.000+05:30वैसे शाब्दिक अर्थ में तो कर्म का उचित फल मिलना ही ...वैसे शाब्दिक अर्थ में तो कर्म का उचित फल मिलना ही सफलता हुई. <br /><br />मैं तो निर्भयता, संतोष और आनंद को सफलता के अवयव मानता हूँ. जिसके जीवन में यह तीन नहीं हैं उसके पास कुछ भी हो, सफलता तो नहीं ही है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com