Wednesday, September 28, 2016

चरित्र-नाशिनी इंजेक्शन

चरित्र-नाशिनी इंजेक्शन
बरसों पहले एक कहानी पढ़ी थी, रोचक थी। पहाड़ी क्षेत्र में एक डॉक्टर रहता था, उसने एक इंजेक्शन ईजाद किया। जिसे एक बार लगाने पर ही आदमी नपुंसक हो जाता था। अब उसने एक अभियान चलाया कि जो भी उसके दवाखाने पर आता, उसे वह इंजेक्शन लगा देता। साथ में उसका रजिस्टर में नाम और पता भी नोट कर लेता। दिन गुजरे और उसकी पुत्री विवाह लायक हो गयी, अब योग्य लड़के की तलाश शुरू हुई। डॉक्टर ने घोषणा की कि पहले मैं जन्मपत्री मिलाऊंगा तब विवाह के लिये हाँ भरूंगा। पत्नी ने कहा कि तुम पुरातनपंथी कैसे  हो गये? लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी। अब वह जन्मपत्री लेता और रजिस्टर में उस लड़के का नाम खोजता और कह देता कि जन्मपत्री नहीं मिली। लड़की बड़ी होने लगी, अब उसे भी लड़की के विवाह की चिन्ता सताने लगी। लेकिन सारे ही लड़कों के नाम उस रजिस्टर में दर्ज थे, तो वह क्या करता? आखिर एक रिश्ता बड़ी दूर से आया, तब उसे लगा कि यह उपयुक्त वर है और शादी कर दी गयी।
जब पुत्री-दामाद पहली  बार उनसे मिलने आये और बातचीत में दामाद ने बताया कि एक बार मैं घूमने आया था और बीमार होने पर आपसे ईलाज कराने आया था। डॉक्टर के पैरों तले की जमीन खिसक गयी और भागकर दवाखाने पहुँचा, तेजी से रजिस्टर पलटने लगा कि शायद उसके दामाद का नाम इसमें दर्ज ना  हो, लेकिन होनी को कौन टाल सका है! मुँह लटकाये वह घर लौट आया।

नौ सो चूहे खाय बिल्ली हज को चली, वाली कहावत चरितार्थ करते हुए लड़के के परिवारजन अपने लड़के के लिये सती-सावित्री वधु तलाश करते हैं। लड़कियों में आक्रोश भर गया कि जिन के कारण हमारा चरित्र बिगड़ा आज वो ही हमसे चरित्र का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं तो उन्होंने भी चरित्र-नाशिनी इंजेक्शन लगवा लिया। अब लड़के वालों की स्थिति उस डॉक्टर जैसी हो गयी है जो उस लड़की को तलाश रहे हैं जिसने इंजेक्शन नहीं लगवाया हो। सारे ही होटल और क्लबों के रजिस्टर चेक किये जा रहे हैं लेकिन सफलता हाथ नहीं आ रही। सोचो ऐसा हो जाएगा तो क्या होगा? जो समाज केवल लड़की के चरित्र को देखता है और लड़के को पवित्र मानता है, ऐसे समाज में तेजी से परिवर्तन आ रहा है, इसलिये चरित्र की ऐसी दोहरी व्याख्या करना बन्द कीजिये नहीं तो परिणाम घातक होंगे।

Friday, September 23, 2016

शिकारी और शिकार

बंदरों पर एक वृत्त-चित्र का प्रसारण किया जा रहा था – ताकतवर नर बन्दर अपना मादा बन्दरों का हरम बनाकर रहता है और किसी अन्य युवा बन्दर को मादा से यौन सम्बन्ध बनाने की अनुमति नहीं है। यदि युवा बन्दर उस मठाधीश को हरा देता है तो वह उस हरम का मालिक हो जाता है।
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Sunday, September 18, 2016

कितना गोपनीय जीवन बना लेते हैं कुछ लोग

अभी-अभी एक sms आया – 13 दिन शेष हैं, अपनी छिपी सम्पत्ती उजागर करने के लिये। अपनी जेब पर निगाह गयी, कहीं कुछ छिपा है क्या? यहाँ तो जिसे सम्पत्ती कहें ऐसा भी कुछ नहीं है लेकिन खुद को धनवान तो हमेशा से ही माना है। एक खजाना है जो मन के किसी कोने में दुबका बैठा है, जैसे ही कोई अपना सा मन लेकर आता है, वह खजाना बांध तोड़ता सा बाहर निकल आता है।
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Saturday, September 17, 2016

आदत नवाबी की और सफर रेल का

अब वे सुबह 6 बजे से ही चाय वाले की बाट जोहने लगे कि चाय वाला साहब के लिये ट्रे सजाकर चाय लाएगा। मैं लगातार यात्रा और काम के कारण थकी हुई थी तो नींद पूरी कर लेना चाहती थी, इसलिये जब उदयपुर आने लगा तब मेरी आँख खुली। मेरे जगते ही उन्होंने पूछा कि यहाँ चाय नहीं आती।
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Saturday, September 3, 2016

श्मशान में पसरी गन्दगी – क्या यही मृत्यु संस्कार है?

शव को ले जाने का मार्ग कैसा हो, क्या यह हमारे लिये चिन्तनीय नहीं  होना चाहिए? जिस मार्ग पर नालियों का गन्दा पानी एकत्र हो, गन्दगी का ढेर लगा हो, क्या ऐसे मार्ग से हम अपने प्रियजन को विदाई देने जाते हैं? समाज बड़े-बड़े आयोजन करता है, लेकिन इस अन्तिम सत्य को नजर-अंदाज कर देता है, यह मेरे लिये तो बहुत ही कष्टकारी होता है, जब इस दृश्य को रोज ही देखना पड़ता है।
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