हमारे यहाँ तो अध्यात्म का मूल ही है कि स्वयं को
खोजो। और यह स्वयं की खोज बचपन से ही प्रारम्भ हो जानी चाहिए। जब हम अपनी योग्यताओं
को खोज लेते हैं तब अपने लिए सफलता का मार्ग भी तलाश लेते हैं। पोस्ट को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें -
http://sahityakar.com/wordpress/%E0%A4%B9%E0%A4%AE-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%86%E0%A4%AA-%E0%A4%B8%E0%A4%AD%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%80-%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7/
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