लोकतंत्र के चुनावी दंगल का एक चरण पूरा हुआ। राजस्थान
में ठेका बदल गया और नया ठेकेदार आ गया। अब पाँच साल सारे ही काम नए ठेकेदार की
मंशा से होंगे और पुराना ठेकेदार आराम करेगा। चाहे तो बीच-बीच में शोर-शराबा कर
सकता है कि नया ठेकेदार काम सही नहीं कर रहा है। जैसे ही नया ठेकेदार आता है लोग
फूल और फूलमालाएं लेकर दौड़ पड़ते हैं, चारों तरफ यह दौड़ दिखायी पड़ती है।
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