श्रीमती अजित गुप्ता प्रकाशित पुस्तकें - शब्द जो मकरंद बने, सांझ की झंकार (कविता संग्रह), अहम् से वयम् तक (निबन्ध संग्रह) सैलाबी तटबन्ध (उपन्यास), अरण्य में सूरज (उपन्यास) हम गुलेलची (व्यंग्य संग्रह), बौर तो आए (निबन्ध संग्रह), सोने का पिंजर---अमेरिका और मैं (संस्मरणात्मक यात्रा वृतान्त), प्रेम का पाठ (लघु कथा संग्रह) आदि।
Monday, February 25, 2013
शरीर की आवश्यकताएं और उनका आधुनिक प्रबंधन
Sunday, February 17, 2013
तीन पीढ़ी का बचपन : कौन सही कौन गलत?
कहते हैं बचपन की कसक जीवन भर सालती है। बचपन के अभाव
जिन्दगी की दिशा तय करते हैं। कभी अभाव मिलते हैं और कभी अभावों का भ्रम बन जाता
है। कभी प्रेम नहीं मिलता तो कभी प्रेम का अतिरेक प्रेम को विकृत कर देता है।
हमारी पीढ़ी के समक्ष तीन पीढ़ियां हैं।
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Saturday, February 9, 2013
पुत्र-वधु परिवार की कुलवधु या केवल पुत्र की पत्नी?
पुत्र के विवाह पर होने वाली उमंग से कौन वाकिफ नहीं
होगा? घर में पुत्र-वधु के रूप में कुल-वधु के आने का प्रसंग परिवारों को रोमांचित
करता रहा है। माता-पिता को अपनी वधु या बहु आने का रोमांच होता है, छोटे भाई-बहनों
को अपनी भाभी का और पुत्र को अपनी पत्नी का।
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Saturday, February 2, 2013
हमें वापस लाना होगा आठवी शताब्दी का उभय भारती व़ाला काल
हमें वापस लाना होगा आठवी शताब्दी का उभय भारती व़ाला काल
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