होली आकर चले गयी। इसबार हम दुनिया जहान से दूर लेकिन
अपनों के बीच चले गए। ना फेसबुक और ना ही ब्लाग। वापस आकर देखा तो पोस्टों का
मेला लगा है, सभी अपने तरीके से होली मना रहे हैं। इस होली पर हमने काफी पहले ही
कार्यक्रम बना लिया था कि अपनी बहन के साथ या यू कहूं कि जीजाजी के साथ होली
मनाएंगे लेकिन ऐन वक्त पर जीजाजी तो धोखा दे गए और वे अमेरिका उड़ गए। पोस्ट पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें - http://sahityakar.com/wordpress/%E0%A4%85%E0%A4%AC-%E0%A4%A4%E0%A5%8B-%E0%A4%AD%E0%A4%88%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A5%82%E0%A4%A2%E0%A4%BC%E0%A5%87-%E0%A4%B9%E0%A5%8B-%E0%A4%97%E0%A4%8F-%E0%A4%B1%E0%A4%82%E0%A4%97-%E0%A4%A8/
मूर्खता दिवस की मंगलकामनाओं के आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (01-04-2013) के चर्चा मंच-1181 पर भी होगी!
सूचनार्थ ...सादर..!
बहुत बढ़िया ....
ReplyDeleteबढ़िया ...
ReplyDeleteकविताजी, मनोहर जी आपका आभार।
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