Thursday, October 31, 2013

कहां गयी वो गरमा-गरम बहसें?

कहां गयी वो गरमा-गरम बहसें?
कभी नारीवाद के नाम पर, कभी राष्‍ट्रवाद के नाम पर, कभी सत्ता की नजदीकियों के कारण, कभी अन्‍ना हजारे और रामदेव आन्‍दोलन के कारण ऐसे ही न जाने कितनी बहसें हम ब्‍लाग पर करते आए थे। लेकिन आज सभी खामोश हैं। क्‍या बहस चुक गयी या फिर उसे निरर्थक मान लिया गया?

Wednesday, October 23, 2013

पृथकता और सत्ता की चाहत

प्रत्‍येक व्‍यक्ति पृथक होकर स्‍वतंत्र होना चाहता है क्‍यों? शायद वह स्‍वयं की सत्ता चाहता है। किसी का प्रतिबंध नहीं, किसी का अनुशासन नहीं, किसी की दखलंदाजी नहीं, बस स्‍वयं की सत्ता। देश से लेकर समाज और समाज से लेकर परिवारों में स्‍वतंत्रता और सत्ता की चाहत दिखायी देती है।
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Thursday, October 17, 2013

आपके जीवन में मैं हूँ

आपके जीवन में मैं हूँ
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