Saturday, April 13, 2013

मधुमक्‍खी शहद बनाती हैं और मनुष्‍य जहर बनाता है

प्रकृति अपने यौवन पर है, बगीचों में जहाँ तक नजर जाती है, फूल ही फूल दिखायी देते हैं। भारतीय त्‍योहार प्रकृति पर आधारित हैं इसी कारण यह मौसम त्‍योहारों का भी रहता है। अभी होली गयी, फिर नया साल आ गया और अब गणगौर। त्‍योहारों के कारण परिवारों में प्रेम भी फल-फूल रहा है। और जब मन में केवल प्रेम ही हो, सब कुछ सकारात्‍मक हो तब लिखने की बेचैनी मन में नहीं होती है। 
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4 comments:

  1. शिखा जी आपके पेज को लाइक कर दिया है।
    संतोष कुमार जी, जहाँ भी पुरस्‍कार हैं, गुटबाजी भी है। इसलिए मैं इनसे दूर ही रहती हूँ।

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  2. सार्थक |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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