श्रीमती अजित गुप्ता
प्रकाशित पुस्तकें - शब्द जो मकरंद बने, सांझ की झंकार (कविता संग्रह), अहम् से वयम् तक (निबन्ध संग्रह) सैलाबी तटबन्ध (उपन्यास), अरण्य में सूरज (उपन्यास)
हम गुलेलची (व्यंग्य संग्रह), बौर तो आए (निबन्ध संग्रह), सोने का पिंजर---अमेरिका और मैं (संस्मरणात्मक यात्रा वृतान्त), प्रेम का पाठ (लघु कथा संग्रह) आदि।
Saturday, April 23, 2016
सेवा करने वाला सम्माननीय
सेवा करने वाला, कमाने वाले से किसी भी
दृष्टि से कमतर नहीं होना चाहिये। इसलिये भक्त को भगवान से बड़ा मानते हैं। आप भी
घर में जो आपकी सेवा कर रहा हो उसे सम्मान के भाव से देखें ना कि हेय भाव से। और
सम्मान का अर्थ ही होता हाँ अपने बराबर मान देना।
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