63 बार मैं कार्तिक/नवम्बर के मास से गुजर चुकी हूँ।
कितना कुछ बदल गया है, ना अब वह पथ है और ना ही वह पथिक है। जिन तंग गलियों में
पहली बार आँखें खोली, वे कब की बिसरा दी गयी। जिसे खुले मैदान में बचपन दौड़ा, अब
वह भी दूर हो चला है।http://sahityakar.com/wordpress/
बहुत-बहुत बधायी हो।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (10-11-2014) को "नौ नवंबर और वर्षगाँठ" (चर्चा मंच-1793) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच के सभी पाठकों को
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteशास्त्रीजी और कविताजी आपका आभार।
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteजनम दिन की हार्दिक बधाई ...
ReplyDeleteपता नहीं आपका ब्लॉग मेरे कम्पूटर पर खुलता ही नहीं है ... वंचित रह जाता हूँ आपके आलेक से ...
बहुत-बहुत बधायी हो।
ReplyDeleteमैं एक Social worker हूं और समाज को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां देता हुं। मैं Jkhealthworld संस्था से जुड़ा हुआ हूं। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि आप भी इस संस्था से जुड़े और जनकल्याण के लिए स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां लोगों तक पहुचाएं। धन्यवाद।
HEALTHWORLD