जीरो जीव रो बेरी रे तू मत खाये परणा जीरो , यह कहावत बचपन से आज तक सुनते आए हैं, लेकिन जीरे से इतना परहेज रखने को क्यों कहा गया समझ नहीं आया। कुछ तो ऐसा है जीरे में जिसकी जांच पडताल भारत से सात समुद्र पार अमेरिका में भी हो रही है। भारत से आप जब चलते हैं तब आप सबकी अटेची खाने-पीने के सामान से भरी होती है। हमें पता नहीं यह क्यों लगता है कि अमेरिका में यह नहीं मिलेगा या वह नहीं मिलेगा।
इस पोस्ट को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें -
http://sahityakar.com/wordpress/
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (21-06-2014) को "ख्वाहिश .... रचना - रच ना" (चर्चा मंच 1650) पर भी होगी!
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
शास्त्रीजी आभार।
ReplyDeleteशास्त्रीजी आभार।
ReplyDeletecontinuously i used to read smaller posts that
ReplyDeleteas well clear their motive, and that is also happening with this article which I
am reading at this place.
my website; Indianapolis basement repair; ,
Nicе post. I was checking constantly this weblog and I am impressed!
ReplyDeleteExtremely useful info particularly the last part :) I
take care of such information much. Ι was ѕeeking this paгtiϲular
information for a verƴ long timе. Thaqnk you and best of luck.
Also visit my page service de déMéNagement
Jeere ki kheti karane me Bahut swadhani rakhani Padati he isliye nayika pati se jeere ki buayee ke liye mana karati he .
ReplyDeleteWah pati se kahati he ki mat bowo Mara paranya(pati) jeero
Jeere ki kheti karane me Bahut swadhani rakhani Padati he isliye nayika pati se jeere ki buayee ke liye mana karati he .
ReplyDeleteWah pati se kahati he ki mat bowo Mara paranya(pati) jeero