माइण्ड सेट
पत्नी घर आज प्यारा बिटवा चला....... यह विदाई गीत बन जाये तो? नहीं पचा पाएंगे ना। हमें तो यही गीत सुनने की आदत है – पी के घर आज प्यारी दुल्हनिया चली.....। इसी सोच से हमारा जीवन बना है। जन्म के साथ ही हमें घुट्टी में ये ही पिलाया गया है और इसे हम कहते हैं माइण्ड सेट।
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (30-05-2016) को "आस्था को किसी प्रमाण की जरुरत नहीं होती" (चर्चा अंक-2356) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार शास्त्रीजी।
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