Tuesday, March 1, 2016

कभी घर का मन भी रूठ जाता है

जब हम घर की चाहत रखते हैं तब घर हमारे सामने आ खड़ा होता है लेकिन जब हम घर से दूर भागते हैं तो घर भी हमारी आँखों से ओझल हो जाता है। 
पोस्ट को पढ़ने के लिये इस लिंक पर क्लिक कीजिये - 
http://sahityakar.com/wordpress/%E0%A4%95%E0%A4%AD%E0%A5%80-%E0%A4%98%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A4%A8-%E0%A4%AD%E0%A5%80-%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%A0-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A5%88/

No comments:

Post a Comment