आपने किसी से प्रेम किया था? या आपके मन में आपके जीवनसाथी
की एक विशिष्ट कल्पना थी? इसके विपरीत आपका प्रेम या आपकी कल्पना साकार रूप ना ले
सकी हो तब ऐसे में आपने क्या किया? कल्पना कीजिए कि आपकी मनमर्जी के विरूद्ध
सगाई कर दी गयी हो और फिर कहा गया हो कि अब आप अपना मन मिलाने के लिए साथ-साथ
घूमते-फिरते रहिए। सम्पूर्ण पोस्ट पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें - http://sahityakar.com/wordpress/%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%82/
gahri baat,sahaj andaaz!
ReplyDeleteरविकर जी और गोविल जी आपको आभार।
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