श्रीमती अजित गुप्ता प्रकाशित पुस्तकें - शब्द जो मकरंद बने, सांझ की झंकार (कविता संग्रह), अहम् से वयम् तक (निबन्ध संग्रह) सैलाबी तटबन्ध (उपन्यास), अरण्य में सूरज (उपन्यास) हम गुलेलची (व्यंग्य संग्रह), बौर तो आए (निबन्ध संग्रह), सोने का पिंजर---अमेरिका और मैं (संस्मरणात्मक यात्रा वृतान्त), प्रेम का पाठ (लघु कथा संग्रह) आदि।
आपको पढ़ने के लिए दोहरा क्लिक अड़चन बन रहा है.
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार26/2/13 को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका हार्दिक स्वागत है
ReplyDeleteराहुल सिंह जी, मैं मूलत: वेबसाइट पर ही लिखना चाह रही हूँ लेकिन इस ब्लाग पर ही सारे फोलोवर हैं इसकारण इसे लिंक के रूप में काम लेना पड़ता है। आप सीधे ही वेबसाइट से जुड़ सकते हैं।
ReplyDeleteअनैतिक सम्बन्ध अनैतिक ही होते है, चाहे उनको कोई भी संज्ञा दे दी जाय. बहुत समकालीन मुद्दा उठाया है आपने
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