भगवान का दरबार लगा है, मतलब मन्दिर सजा है। सैकड़ों भक्त कतार में लगे हैं। सभी हाथ जोड़े, आँख मूंदे, प्रार्थना कर रहे हैं। भगवान के जो सबसे समीप जा पहुँचा है, वह राजनेता बनने की जुगत बिठा रहा है। इस पोस्ट को पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएं - http://sahityakar.com/wordpress/%E0%A4%B9%E0%A5%87-%E0%A4%AD%E0%A4%97%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%9D%E0%A5%87-%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A4%AC/
भगवान का दरबार लगा है, मतलब मन्दिर सजा है। सैकड़ों भक्त कतार में लगे हैं। सभी हाथ जोड़े, आँख मूंदे, प्रार्थना कर रहे हैं। भगवान के जो सबसे समीप जा पहुँचा है, वह राजनेता बनने की जुगत बिठा रहा है
ReplyDeleteram ram bhai
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शुक्रवार, 14 दिसम्बर 2012
जो कलम कोशिका से पैदा हैं .
http://veerubhai1947.blogspot.in/
सादर आमंत्रण,
ReplyDeleteहम हिंदी के श्रेष्ठ ब्लॉग 'हिंदी चिट्ठा संकलक' पर एकत्र कर रहे हैं,
कृपया अपना ब्लॉग शामिल कीजिए - http://goo.gl/7mRhq
बहुत ही सुंदर। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
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