Wednesday, August 8, 2012

उद्देश्‍य रहित जीवन की भी आवश्‍यकता है



कहते है जीवन का कोई उद्देश्‍य होना चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि एक आयु के बाद जीवन उद्देश्‍य रहित होना चाहिए। जब जीवन में उद्देश्‍य लेकर चलते हैं तो किसी न किसी मंजिल को पाने की चाहत रहती है। मंजिल में अनेक सहयात्री होते हैं। सभी उस मंजिल को पाना चाहते हैं। स्‍वाभाविक रूप से एक प्रतिस्‍पर्द्धा का जन्‍म होता है। कई बार अनावश्‍यक ईर्ष्‍या भी जन्‍म ले लेती है। - शेष पोस्‍ट पढ़ने के लिए निम्‍न लिंक पर जाएं। 
http://sahityakar.com/wordpress/%E0%A4%89%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%AF-%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4-%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AD%E0%A5%80/

11 comments:

  1. aapne aisi baat kahi hai, jo bilkul sach hai par jise paramparavadi pragati ke vicharak kahne se darte rahe hain. vastav men uddeshya-viheen pal hi to srijnatmakta ki khaad hain. jab ham uddeshya ke liye saans le rahe hote hain tab to ham "nirdharit"ko dhoondh rahe hote hain-naveen ke liye nahin jee rahe hote.

    ReplyDelete
  2. बहुत ही बेहतरीन और प्रभावपूर्ण रचना....
    मेरे ब्लॉग

    जीवन विचार
    पर आपका हार्दिक स्वागत है।

    ReplyDelete
  3. आपकी पोस्ट कल 9/8/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें

    चर्चा - 966 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क

    ReplyDelete
  4. गोविल साहब आपने बहुत अच्‍छी बात कही है। आपका आभार।

    ReplyDelete
  5. अजीत जी नमस्कार...
    आपके ब्लॉग 'अजीत गुप्ता' को कोना से लेख भास्कर भूमि में प्रकाशित किए जा रहे है। आज 9 अगस्त को 'उद्देश्य-रहित जीवन की भी आवश्यकता है' शीर्षक के लेख को प्रकाशित किया गया है। इसे पढऩे के लिए bhaskarbhumi.com में जाकर ई पेपर में पेज नं. 8 ब्लॉगरी में देख सकते है।
    धन्यवाद
    फीचर प्रभारी
    नीति श्रीवास्तव

    ReplyDelete
  6. जीवन को सहज-भाव से जीने की कला ही—उद्द्वेशरिक्तता है.
    फूल का खिलना ओर मुरझाना जीवन की लय है.

    ReplyDelete
  7. मन के - मनके, आपने बहुत अच्‍छा दर्शन दिया है, मेरी पोस्‍ट का निचोड़ है। आभार।

    ReplyDelete
  8. बहुत ही बेहतरीन और प्रभावपूर्ण रचना....
    जन्माष्टमी पर्व की शुभकामनाएँ
    मेरे ब्लॉग

    जीवन विचार
    पर आपका हार्दिक स्वागत है।

    ReplyDelete
  9. अजित जी लिन्क तो नही खुला? भास्कार भूमी मे चपने के लिये बधाई।

    ReplyDelete
  10. Very nice post.....
    Aabhar!
    Mere blog pr padhare.

    ***HAPPY INDEPENDENCE DAY***

    ReplyDelete