नये वर्ष पर आज फिर डायरी और कलेण्डर बदल गए, बस नहीं बदले तो ब्लागर मित्र। मेरी दीवारें और टेबल खुश है, क्योंकि उन पर कोई नया चित्र आने वाला है। लेकिन मैं खुश हूँ कि मेरे पास मेरे पुराने मित्र हैं। नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ आप सभी के लिए एक कविता।
सूची एक बनायी मैंने
विगत वर्ष के दुष्ट जनों से
इक्का-दुक्का ही थे वे सब
आँचल भर गया मित्र जनों से।
आँसू कम औ खुशियाँ ज्यादा
दो औ दस का मेल बनाया
पलड़े में भारी थी खुशियाँ
आँसू तो बस बेचारे थे
आँखों में दिखते वे केवल
अन्तस भर गया सुधि जनों से।
कितने साँप निकल आए थे
आस्तीन को जब झाड़ा था
कितने अनदेखे मन ऐसे
जिनके पास फूलमाला थी
साँपों को अनदेखा कर के
अँजुरी भर गयी मिष्ट जनों से।
तीर धनुष भाला औ बरछी
दुश्मन में सारे दिखते थे
ढाई अक्षर प्रेम के देखे
सारे ओझल हो जाते थे
कलम प्रेम की मन के कागज
भर डालो तुम श्रेष्ठ जनों से।
खुशियाँ लाए समय नवान्तर
दुख को पीछे छोड़ निरन्तर
जग जाने दे प्रीत स्वयं की
काल रहेगा नूतन मनहर
सिंचित सकल प्रेम को लेकर
ज्योत जला ले इष्ट जनों से।
आपको भी नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाए!!
ReplyDeleteसुन्दर भाव भरी रचना...
ReplyDeleteआपको नव वर्ष की सपरिवार शुभकामनायें.
सुन्दर रचना!
ReplyDeleteआप तथा आपके परिजनों के लिये नववर्ष मंगलमय हो!
आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.
ReplyDeleteसुख आये जन के जीवन मे यत्न विधायक हो
सब के हित मे बन्धु! वर्ष यह मंगलदयक हो.
(अजीत जोगी की कविता के अंश)
waah !! sundar panktiyon ke sath nav varsh ki shubh kamnaa !! aapko nayaa saal mubaark !!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना है बधाई।
ReplyDeleteआप को सपरिवार नववर्ष की शुभकमनाएं।
NAV VARSH MANGALMAY HO
ReplyDeleteनव वर्ष की मंगल कामनाएँ!
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना है .. आपके और आपके पूरे परिवार के लिए भी नववर्ष मंगलमय हो !!
ReplyDeleteबहुत खूब, बहुत ही सुन्दर रचना है।
ReplyDeleteआपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें, नया साल आपके लिए ढ़ेरों खुशियां लेकर आये।
101वीं पोस्ट और रूना लैला की मधुर आवाज... बोले रे पपीहरा|
आस्तीन को जब झाड़ा था
ReplyDeleteकितने अनदेखे मन ऐसे
जिनके पास फूलमाला थी
साँपों को अनदेखा कर के
अँजुरी भर गयी मिष्ट जनों से....
पंक्तियाँ जी जुडा गयी ...
नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें .....!!
बहुत सुन्दर रचना|
ReplyDeleteआप और आपके परिवार को नववर्ष की सादर बधाई
नव वर्ष की नई सुबह
नया साल एक नयी आशा लेकर आता है ।
ReplyDeleteआपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
सादर।
डॉ दराल
आप की सूची पुरानी नहीं होती क्योंकि इसमें नित नये नाम जुड़ते रहेंगे और पुरानों की याद ताज़ा करते रहेंगे:) नववर्ष की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteHappy New Year to all of you
ReplyDeleteआपको नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाए!
ReplyDeleteआँसू कम औ खुशियाँ ज्यादा
ReplyDeleteदो औ दस का मेल बनाया
पलड़े में भारी थी खुशियाँ
आँसू तो बस बेचारे थे
आँखों में दिखते वे केवल
अन्तस भर गया सुधि जनों से।
man ko moh gai yh rachna .
anrjal ke abhari jo itne logo ka sneh mila .
navvarsh ki shubhkamnaye.
नये वर्ष की शुभकामनाओं सहित
ReplyDeleteआपसे अपेक्षा है कि आप हिन्दी के प्रति अपना मोह नहीं त्यागेंगे और ब्लाग संसार में नित सार्थक लेखन के प्रति सचेत रहेंगे।
अपने ब्लाग लेखन को विस्तार देने के साथ-साथ नये लोगों को भी ब्लाग लेखन के प्रति जागरूक कर हिन्दी सेवा में अपना योगदान दें।
आपका लेखन हम सभी को और सार्थकता प्रदान करे, इसी आशा के साथ
डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर
जय-जय बुन्देलखण्ड
सार्थक सोच सृजन के संग में सुखमय हो परिवेश।
ReplyDeleteनये साल का हर पल अनुपम सुमन हृदय संदेश।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
मैम गुप्ता ज कल बहुत कोशिश की नेट नहीं चला । आपको नये साल की बहुत बहुत शुभकामनायें पूरे परिवार मे खुशियों के फूल खिलें । सुन्दर रचना के लिये बधाई । धन्यवाद
ReplyDeleteआपको भी नव वर्ष की बहुत बधाई ....
ReplyDeletewordpress से blogspot पर आया हूँ एक रचना के साथ...पढ़े और टिपण्णी दे !!!
"आशा है एक नए उमंग की,
ReplyDeleteतरंग और उसके संवेग की॥
घूँघट उठाती दुल्हन २०१०...
और उसके स्पर्श की
मेरी दुल्हन २०१०
आपका स्वागत"
बहुत अच्छे तरह से रखा है आपने अपने मन को ..........
ReplyDelete...... नया साल बहुत मुबारक हो ..................
aapki uttam rchna ke saath-2 aapko nav varsh ki badhayee avm shubhkamnayen...
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