tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post6785125080007119208..comments2023-12-30T03:15:36.067+05:30Comments on अजित गुप्ता का कोना: दुख के सब साथी सुख में ना कोय - अजित गुप्ताअजित गुप्ता का कोनाhttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comBlogger46125tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-83140704458390496042011-01-11T17:30:24.595+05:302011-01-11T17:30:24.595+05:30आपका ये लेख मेरे वर्तमान जीवन से बिल्कुल सटीक है ....आपका ये लेख मेरे वर्तमान जीवन से बिल्कुल सटीक है . मैंने भी अपने सुख के लिए नौकरी छोड़ दी . अब दिन में तीन चार फ़ोन लोगो के आ ही जाते है . दोस्ती और नजदीक नजर आ रही है... पर वो मुझे दुखी ना होने की सलाह जरुर देते है पर मुझे तो कोई दुःख नहीं है ऐसा सुनने पर आगे की चिंता का इजहार करते है .... पर अच्छा है उन्हें शायद इसी बहाने उनके अहम को सुख मिलता हो .../vinitahttps://www.blogger.com/profile/07930970964401832815noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-2202449363951659282010-12-04T18:44:30.059+05:302010-12-04T18:44:30.059+05:30ekdam teek.ekdam teek.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-18071410236239144982010-12-04T15:39:44.090+05:302010-12-04T15:39:44.090+05:30यही तो संसार की रित है अजितजी
हम सब ही तो कलाकार ह...यही तो संसार की रित है अजितजी<br />हम सब ही तो कलाकार है |<br />बहुत सटीक व्यंग्य |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-67503809096555680322010-12-02T13:05:34.927+05:302010-12-02T13:05:34.927+05:30सटीक व्यंग्य! हमारे शुभाकान्क्षी यह जानते हैं कि ...सटीक व्यंग्य! हमारे शुभाकान्क्षी यह जानते हैं कि सुख को अकेले आराम से निभाया जा सकता है इसलिये केवल दुख में सहायता करने के लिये तत्पर रहते हैं। परहित सरिस धर्म नहिं ....Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-4674678267715742592010-12-02T09:36:40.676+05:302010-12-02T09:36:40.676+05:30" व्यंग्य " प्रस्तुत करने का बहुत बढ़िया..." व्यंग्य " प्रस्तुत करने का बहुत बढ़िया " ढंग "ASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-21059194493874595662010-12-02T06:04:37.765+05:302010-12-02T06:04:37.765+05:30अजित जी,
नमस्ते!
लीजिये हम भी आ गए आपका दुःख बांटन...अजित जी,<br />नमस्ते!<br />लीजिये हम भी आ गए आपका दुःख बांटने!<br />हा हा हा....<br />स्वाद आया माते!<br />आशीष<br />---<br />नौकरी इज़ नौकरी!सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼https://www.blogger.com/profile/11282838704446252275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-48362212207202044562010-12-01T18:34:05.124+05:302010-12-01T18:34:05.124+05:30व्यंग्य में ही आपने यथार्थ का चित्रण कर दिया.अडौसी...व्यंग्य में ही आपने यथार्थ का चित्रण कर दिया.अडौसी-पडौसी ,मित्र सब की कलई बहुत अच्छी खोली है.vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-32455788642724062592010-12-01T16:48:01.587+05:302010-12-01T16:48:01.587+05:30sundar vyngy rachna badhai ajit guptajisundar vyngy rachna badhai ajit guptajiजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-80666517839403404372010-12-01T10:23:53.391+05:302010-12-01T10:23:53.391+05:30आपका बहुत बहुत धन्यवाद ...आपका बहुत बहुत धन्यवाद ...Dr Xitija Singhhttps://www.blogger.com/profile/16354282922659420880noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-46752387525959659142010-12-01T10:03:55.025+05:302010-12-01T10:03:55.025+05:30अजित जी ... सबसे पहले तो मैं माफ़ी चाहूंगी आपको मेर...अजित जी ... सबसे पहले तो मैं माफ़ी चाहूंगी आपको मेरे ब्लॉग पर वो चित्र बुरा लगा ... मैंने वो हटा दिया है .... मैंने पहले भी ये पोस्ट डाली थी और ये ही चित्र है वहाँ अभी भी ... मुझे वो बहुत खूबसूरत लगा था बहुत गहराई लगी उस पेंटिंग में .. अगर मैंने किसी भी तरह आपकी भाव्व्नाओं को ठेस पहुंचाई है तो अपनी बेटी समझ कर माफ़ कर दीजियेगा .. <br />आप मेरे ब्लॉग पर पहली बार आयीं ..अगर आप दोबारा दर्शन देंगीं तो मैं समझूंगी आपने मुझे माफ़ कर दिया ...Dr Xitija Singhhttps://www.blogger.com/profile/16354282922659420880noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-4931986978584868252010-11-30T13:15:03.120+05:302010-11-30T13:15:03.120+05:30This comment has been removed by the author.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-19765959008789164252010-11-30T13:14:59.117+05:302010-11-30T13:14:59.117+05:30"किसी को भी सुखी देखें तो उसे दुखी करने का मौ..."किसी को भी सुखी देखें तो उसे दुखी करने का मौका जरूर तलाशे। तभी आप इस देश के महान नागरिक बन पाएंगे।"<br />बिलकुल सटीक बात :)...लोगों की फितरत यही है...कहीं से भी कमियाँ ढूंढ ही निकालते हैं...<br />बहुत ही जोरदार व्यंग्यrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-13530814595911063342010-11-30T00:34:01.819+05:302010-11-30T00:34:01.819+05:30अच्छा कटाक्ष है।अच्छा कटाक्ष है।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-2362012483653082582010-11-29T21:35:29.327+05:302010-11-29T21:35:29.327+05:30‘तो भाईसाहब आप ही बताइए कि लोग आपके दुख में कितने ...‘तो भाईसाहब आप ही बताइए कि लोग आपके दुख में कितने दुखी है और कितने आपके सुख को देखकर आपके साथ होते हैं? ’<br /><br />तभी तो कहते हैं दुख में सुमिरन सब करें.... :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-45639990739344658242010-11-29T17:28:08.222+05:302010-11-29T17:28:08.222+05:30ब्लाग पर मेरा शायद यह पहला व्यंग्य था। अक्सर स...ब्लाग पर मेरा शायद यह पहला व्यंग्य था। अक्सर सम सामयिक ही लिखा करती हूँ लेकिन इस बार लगा कि अपनी पुस्तक से एक व्यंग्य यहाँ दूं तो मैंने यहाँ पोस्ट किया था। जीवन में हमेशा गम्भीर बात ही करने से कभी अरुचि सी हो जाती है इसलिए सोचा कि व्यंग्य ही लिखा जाए। आप सभी ने अपनी-अपनी बात कही, इसके लिए आभारी हूँ। इसी प्रकार स्नेह बनाए रखें।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-24917848306680288622010-11-29T16:37:35.669+05:302010-11-29T16:37:35.669+05:30वर्तमान समय की कडवी वास्तविकता यही है कि आप सुखी क...वर्तमान समय की कडवी वास्तविकता यही है कि आप सुखी क्यों हैं ?Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-14263438397996296982010-11-29T15:15:34.197+05:302010-11-29T15:15:34.197+05:30सार्थक व्यंग्य !सार्थक व्यंग्य !अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-16937183748215509102010-11-29T14:56:09.516+05:302010-11-29T14:56:09.516+05:30व्यंग की आपकी अदा भी खूब है ... लाजवाब लिखा है ......व्यंग की आपकी अदा भी खूब है ... लाजवाब लिखा है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-84147044231292887152010-11-29T14:44:43.270+05:302010-11-29T14:44:43.270+05:30बहुत ही सटीक व्यंग्य...आभारबहुत ही सटीक व्यंग्य...आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-17346012710113924882010-11-29T13:20:25.363+05:302010-11-29T13:20:25.363+05:30kaafi satik baat kahi haikaafi satik baat kahi haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-53993851848337057852010-11-29T10:20:56.426+05:302010-11-29T10:20:56.426+05:30अर्थपूर्ण व्यंग्य ....आप से सहमत हूँ..... और यह बा...अर्थपूर्ण व्यंग्य ....आप से सहमत हूँ..... और यह बात आज के दौर में कुछ ज्यादा ही प्रासंगिक लगती है..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-61320129199453464752010-11-29T09:03:11.440+05:302010-11-29T09:03:11.440+05:30मानवीय कमजोरियां हर इंसान में होती है......इससे छ...मानवीय कमजोरियां हर इंसान में होती है......इससे छुटकारा पाना सहज नहीं लेकिन लगातार आत्मनिरीक्षण के जरिये कोशिस जारी रहनी चाहिए ...........दूसरों की कमियों को देखना फिर उसके तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर ईमानदारी से अपने बारे में सोचने से मानवीय कमजोरियों से कुछ हद तक छुटकारा पाया जा सकता है............ये बात भी सही है की भ्रष्टाचार,कुव्यवस्था ,लोभ-लालच ने किसी इंसान के जिन्दा रहने के लिए सबसे जरूरी चीज "सामाजिक परिवेश" को पूरी तरह दूषित कर दिया है.........honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-76178347759430522712010-11-29T08:27:10.001+05:302010-11-29T08:27:10.001+05:30अजित जी अच्छा व्यंग है , जिसमें दर्द भी छुपा हैअजित जी अच्छा व्यंग है , जिसमें दर्द भी छुपा हैS.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-73213641886114816542010-11-29T07:35:59.676+05:302010-11-29T07:35:59.676+05:30आपका दर्द समझ सकती हूँ ...:):)
विशेषकर महिलाओं के ...आपका दर्द समझ सकती हूँ ...:):)<br />विशेषकर महिलाओं के साथ ऐसा ही होता है ...कही टिप्पणी में पहले भी लिखा था कि ...<br />महिलाओं की रोती आँखों को कंधे आसानी से मिल जाते हैं ...मगर हँसते हुए देख बहुत से माथे पर त्योरियां नजर आ जाती है<br />सार्थक लेखन ...<br />आभार !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-2431529719587741032010-11-29T00:25:54.246+05:302010-11-29T00:25:54.246+05:30क्या खूब परिभाषा दी है आपने सुख और दुःख की.. बिल्क...क्या खूब परिभाषा दी है आपने सुख और दुःख की.. बिल्कुल सटीक.. मज़ा आ गया..<br /><br />मनोज खत्री <br /><br />---<br /><br />यूनिवर्सिटी का टीचर'स हॉस्टल - अंतिम भागManoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.com