tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post4734008820696319595..comments2023-12-30T03:15:36.067+05:30Comments on अजित गुप्ता का कोना: सादगी से भरा बंगाली विवाहअजित गुप्ता का कोनाhttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-71925066752952995922009-12-12T00:05:43.037+05:302009-12-12T00:05:43.037+05:30aapne bhut achhi jankari di .par is sadgi ko nibah...aapne bhut achhi jankari di .par is sadgi ko nibahana apne aap me sukhd privartan hoga .<br />sach kahoo to madhy prdesh ,rajsthan aupnjab aur uttrprdesh me ab jrurat se jyada dikhava hone laga hai vidnbna hai ki bhvy shadiya hi tutne ke kgar par hai .शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-70714614555741557302009-12-04T21:22:33.505+05:302009-12-04T21:22:33.505+05:30अब तक किसी बंगाली शादी में शरीक होने का मौका नहीं ...अब तक किसी बंगाली शादी में शरीक होने का मौका नहीं मिला.. आपकी बदौलत ये शरफ़ भी हासिल हो गया... बढ़िया मिसाल है..अबयज़ ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/06351699314075950295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-6553991191652196172009-12-04T16:24:53.256+05:302009-12-04T16:24:53.256+05:30हमने तो अपने लड़के की शादी में बैंड-बाजे भी नहीं र...हमने तो अपने लड़के की शादी में बैंड-बाजे भी नहीं रखे ताकि सड़कों पर होते शोर गुल से बचा जा सके। हम सडक पर बारात से हो रहे विघ्न पर कोसते हैं तो हम क्यों न उससे बचें।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-38269686885842179162009-12-04T11:21:47.782+05:302009-12-04T11:21:47.782+05:30यदि इसी तरह से विवाह हो तो क्या बात है ..पर ऐसा बह...यदि इसी तरह से विवाह हो तो क्या बात है ..पर ऐसा बहुत कम होता है यह बहुत अच्छा उदहारण हैं ..लड़के लडकियां खुद ही आगे आये तो सुधार संभव है ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-43593845819458298702009-12-04T05:57:24.931+05:302009-12-04T05:57:24.931+05:30मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बहुत बढ़िया लिखा ह...मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ है! मैं बंगाली हूँ और आपका पोस्ट पढ़कर मुझे अपनी शादी की याद आ गई! हमारी शादी में लम्बी बारात नहीं आती है और न घोड़ी पर सवार होकर दूल्हा आता है और न ही कोई बाजे, नाच, पटाखे होते हैं पर विवाह की स्वस्थ परम्परा को बखूबी निभाया जाता है! <br />मेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-35073084092631101342009-12-03T22:17:10.640+05:302009-12-03T22:17:10.640+05:30भारतीय परंपरा का एक रूप यह भी..बढ़िया जानकारी भरी ...भारतीय परंपरा का एक रूप यह भी..बढ़िया जानकारी भरी सुंदर प्रस्तुति..आभारविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-39799606707727984792009-12-03T19:18:25.257+05:302009-12-03T19:18:25.257+05:30वास्तविकता तो यह है कि हमारे विवाह हमारी सामाजिक प...वास्तविकता तो यह है कि हमारे विवाह हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक हो गई है। समाज को इस व्यूह को तोड़ना होगा। तभी विवाह सादगी पूर्ण और माता-पिता के लिए भारी आर्थिक बोझे से हीन हो सकते हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-16358631171240922732009-12-03T18:16:14.878+05:302009-12-03T18:16:14.878+05:30यदि इस बंगाली परिवार का अनुसरण करना आरम्भ कर दिया ...यदि इस बंगाली परिवार का अनुसरण करना आरम्भ कर दिया जाये तो समाज में एक ऎसी कुरीति दूर हो जाए जिसके कारण लड़की के कितने ही माता-पिता जीवन भर कर्जे में ही रहते हैं, जवानी में ही बुढ़ापा आ जाता है. आजकल 'सौदा' 'विवाह' का पर्याय बन चुका है. पहले सोचा करते थे कि ज्यूँ ज्यूँ शिक्षा का प्रसार होगा, कुछ कुरीतियाँ समाप्त हो जाएँगी, लेकिन अब उलटा हो रहा है. न जानेक्यों?महावीर शर्माhttp://mahavir.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-23311353397494735372009-12-03T17:29:40.495+05:302009-12-03T17:29:40.495+05:30चलिए कहीं तो परम्परा जीवित हैं।
अनुकरणीय!चलिए कहीं तो परम्परा जीवित हैं।<br />अनुकरणीय!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-61156391761644032972009-12-03T15:55:03.408+05:302009-12-03T15:55:03.408+05:30सादगी की हर परंपरा का स्वागत होना चाहिए और बाकी सब...सादगी की हर परंपरा का स्वागत होना चाहिए और बाकी सब को भी इससे सीख लेनी चाहिए .......... और आज के महंगाई वाले माहौल में इसकी ज़रूरत और ज़्यादा है ...........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-42522442633120889502009-12-03T14:12:56.874+05:302009-12-03T14:12:56.874+05:30अंतिम वाक्य इस प्रकार से है-
पारिवारिक विवाह के अ...अंतिम वाक्य इस प्रकार से है- <br />पारिवारिक विवाह के अलावा अन्य विवाह मैं नहीं जाते. - मोहन लाल गुप्ताDr. Mohanlal Guptahttps://www.blogger.com/profile/14804752307502533855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-41971289745243539152009-12-03T13:57:05.129+05:302009-12-03T13:57:05.129+05:30मैडम, यदि भारत बर्बाद हुआ है तो इन भोंडी शादियों, ...मैडम, यदि भारत बर्बाद हुआ है तो इन भोंडी शादियों, टीवी कार्यक्रमों और क्रिकेट के कारन हुआ है. कहना तो नहीं चाहिए किन्तु बेशर्म होकर कहता हूँ कि मैंने और मेरी पत्नी ने २३ साल पहिले ठीक ऐसे ही विवाह किया था जिसमें केवल हमारे परिवारों के सदस्य थे. कोई बारात नहीं थी. पटाखे नहीं थे, विवाह दिन मैं हुआ था. हम आज भी सुखी हैं. तीन बच्चे हैं. हम सयुंक्त परिवार मैं रहते हैं. पूरी तरह सामाजिक जंतु हैं. पारिवारिक विवाह के अलावा अन्य विवाह मैं जाते. - मोहन लाल गुप्ताDr. Mohanlal Guptahttps://www.blogger.com/profile/14804752307502533855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-9137583453553010392009-12-03T13:16:28.453+05:302009-12-03T13:16:28.453+05:30कई दिन बाद आपकी पोस्ट आयी है। आपने ये भी सही कहा क...कई दिन बाद आपकी पोस्ट आयी है। आपने ये भी सही कहा कि लडकियाँ खुद ही विरोध नहीं करती लडके वालों के अनुचित बात का। बंगाली विवाह के बारे मे जान कर बहुत खुशी हुई कि चलो कहीं तो कुछ अच्छा बचा है । बहुत अच्छी पोस्ट है शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-44015079321329787942009-12-03T12:51:58.219+05:302009-12-03T12:51:58.219+05:30आप सही कह रही हैं , पर हमारी तरफ दिखावा ही मुख्य ह...आप सही कह रही हैं , पर हमारी तरफ दिखावा ही मुख्य है और उसके पीछे तर्क यह कि विवाह रोज रोज नहीं होता .....आभाhttps://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-86575863284504661052009-12-03T12:37:57.438+05:302009-12-03T12:37:57.438+05:30अच्छा लगा जानकर।
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अदभुत है हमारा शरीर।
अं...अच्छा लगा जानकर।<br />--------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">अदभुत है हमारा शरीर। </a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">अंधविश्वास से जूझे बिना नारीवाद कैसे सफल होगा?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-15609672472314489912009-12-03T12:27:42.551+05:302009-12-03T12:27:42.551+05:30लम्बे समय बाद आपसे रूबरू हुई, कुछ ताजा हो आया. साद...लम्बे समय बाद आपसे रूबरू हुई, कुछ ताजा हो आया. सादगी की बात है आसान पर अपनाना बहुत मुश्किल.<br />http://sahityasrajan.blogspot.comvimlahttp://sahityasrajan.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-82387567217744516252009-12-03T12:11:32.928+05:302009-12-03T12:11:32.928+05:30पहले बहुत कम दूरी वाले जगहों में विवाह होते थे .. ...पहले बहुत कम दूरी वाले जगहों में विवाह होते थे .. साथ ही लोगों के पास समय की कमी नहीं थी .. मस्ती करने के यही सब बहाने थे .. इसलिए बारात जाने आने और विवाह के पश्चात् भोज देने की प्रथा बनी हुई थी .. जहां विवाह की तैयारी के लिए लडकीवालों के यहां रिश्तेदार पहले पहुंच जाते थे .. और विदाई के बाद एक दो दिनों के अंदर घर खाली हो जाता था .. वहीं लडके के यहां रिश्तेदार देर से पहुंचते थे .. और वधू के आने के बाद उससे हिलमिलकर ही वापस जाते थे .. अब इतना समय और व्यर्थ का पैसा लोगों के पास नहीं .. इसलिए लडकेवालों के शहर में जाकर विवाह करने में मुझे ऐसी कोई आपत्ति नहीं दिखती .. पर बंगाली विवाह की तरह ही सब समुदायों में सादगी तो अनुकरण की जा सकती है .. आनेवाले समय में इसकी आवश्यकता और बढ जाएगी !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-76615722719258282952009-12-03T11:12:31.125+05:302009-12-03T11:12:31.125+05:30खुशदीप जी
हम विवाह समारोह में यही सोच रहे थे कि यद...खुशदीप जी<br />हम विवाह समारोह में यही सोच रहे थे कि यदि यहाँ कोई पंजाबी हो और बिना नाच के विवाह देखे तो वह तो क्या कहेगा? हू हू की आवाज वे लोग शंख से बजाते हैं।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-81732630797465280422009-12-03T11:07:05.421+05:302009-12-03T11:07:05.421+05:30अजित जी,
आपको एक मज़ेदार किस्सा सुनाता हूं...मेरठ ...अजित जी,<br />आपको एक मज़ेदार किस्सा सुनाता हूं...मेरठ में एक बंगाली सहपाठिन की बहन की शादी थी...उसी वक्त अमृतसर से मेरा एक रिश्तेदार भी आया हुआ था...मैं पहले खुद भी कभी किसी बंगाली विवाह समारोह में नहीं गया था, अमृतसर से आए रिश्तेदार का तो सवाल ही नहीं था...मैं रिश्तेदार को भी समारोह में साथ ले गया...अब वहां जब दूल्हे के आने पर दुल्हन को चौकी पर बिठा कर लाया जा रहा था तो वहां बंगाली रस्म के अनुसार लड़की वालों ने ज़ोर ज़ोर से हू...हू..हू.....की आवाज़ें निकालना शुरू कर दिया...मेरे लिए भी ये अलग अनुभव था...अमृतसर से आए रिश्तेदार का चेहरा देखने लायक था...फिर वो मेरे से धीरे से बोला...ए माई, केड़े भूता दे डेरे विच लै आया ए मैणू....(ये कौन से भूतों के डेरे में ले आया है मुझे)...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-28170502236996460652009-12-03T11:05:04.480+05:302009-12-03T11:05:04.480+05:30बंगाली विवाह के माध्यम से सादगी का सन्देश !बंगाली विवाह के माध्यम से सादगी का सन्देश !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-89200060145173760532009-12-03T11:00:43.493+05:302009-12-03T11:00:43.493+05:30बहुत सुन्दर उदाहरण है यह बंगाली विवाह! यदि सभी लोग...बहुत सुन्दर उदाहरण है यह बंगाली विवाह! यदि सभी लोग इसका अनुसरण करें तो कितना अच्छा होगा!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.com