tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post6473917160742391894..comments2023-12-30T03:15:36.067+05:30Comments on अजित गुप्ता का कोना: क्या आपको भी आपके दिमागी कीड़े (neurons) उकसाते हैं टिप्पणी करने परअजित गुप्ता का कोनाhttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comBlogger37125tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-55116035337649778192010-09-14T05:57:52.495+05:302010-09-14T05:57:52.495+05:30इनका कुलबुलाना भी महँगा पड़ जाता है कभी कभी .इनका कुलबुलाना भी महँगा पड़ जाता है कभी कभी .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-656335198151477672010-09-13T14:16:30.704+05:302010-09-13T14:16:30.704+05:30बिलकुल सही बात कही...दिमागी कीड़े तो कई बार मन की स...बिलकुल सही बात कही...दिमागी कीड़े तो कई बार मन की सुनते ही नहीं और टिप्पणी करवा जाते हैं...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-87286638847189450932010-09-13T13:23:20.937+05:302010-09-13T13:23:20.937+05:30सही कहा ... विपरीत विचार पर ज़रूर लिखने का मन करता...सही कहा ... विपरीत विचार पर ज़रूर लिखने का मन करता है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-29593913524068143772010-09-13T09:37:42.434+05:302010-09-13T09:37:42.434+05:30sach kahun to hame pata hi nahi tha, aisa kuchh ho...sach kahun to hame pata hi nahi tha, aisa kuchh hota hai......jankaari ke liye shukriya!! waise bhi sayad mere nuerons me itni taakat nahi ki aap jaiso ki baat ko kaat sake..:)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-61679210896416557162010-09-12T14:24:10.314+05:302010-09-12T14:24:10.314+05:30@अजित जी,
आपको ये हल्का-गंभीर का अहसास कैसे हुआ......@अजित जी,<br />आपको ये हल्का-गंभीर का अहसास कैसे हुआ...आप नहीं जानतीं कि आपका लिखा पढ़ने के बाद कितना अच्छा महसूस करता हूं...आपको आदेश देने का पूरा अधिकार है...बड़ों के अनुभवों से ही छोटों को सीखने का मौका मिलता है...मैंने कमेंट में बस अपने पेशे की व्यावहारिकता को रखने की कोशिश की है...और यही तो असली ब्लॉगिंग है...सिर्फ बढ़िया और तारीफ़ करते रहने से विमर्श आगे नहीं बढ़ता...किसी के बौद्धिक विकास के लिए प्रशंसा से ज़्यादा आलोचना को आत्मसात कर खुद को बेहतर बनाना अहम होता है...वैसे मेरी कोशिश ये भी रहती है कि खुद को रिपीट न करूं और ज़्यादा से ज़्यादा मुद्दों की सही तस्वीर जानूं और फिर अपने लेखन में उतारूं...और मैं जानता हूं कि आपका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ है....<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-71359389786426625452010-09-12T13:13:31.202+05:302010-09-12T13:13:31.202+05:30अजित जी एक बहुत अच्छी पोस्ट. ये कीड़े तो सबके दिम्...अजित जी एक बहुत अच्छी पोस्ट. ये कीड़े तो सबके दिम्माग में ही कुलबुलाते होंगे. मेरे तो केवल न्युरोंस ही नहीं देनद्रोंस और एक्सोंस भी शोर करते है और काफी हद तक वश में कर लेती हूँ पर ये बात जरुर है की अगर मैं किसी के भी ब्लॉग पर जाती हूँ तो अपनी पूरी हदों में रह कर प्रतिक्रिया जरुर देती हूँ न की पोस्ट पढ़कर वापस आ जाऊंरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-69559605978599777242010-09-12T13:08:12.176+05:302010-09-12T13:08:12.176+05:30मैंने चर्चा के लिए एक विचार आपके सामने प्रस्तुत ...मैंने चर्चा के लिए एक विचार आपके सामने प्रस्तुत किया था आप सभी ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी और विचार को आगे बढाया इसके लिए मैं आभारी हूँ। 1 निर्मलाजी, मैंने इससे एक दिन पूर्व भी पोस्ट लिखी थी शायद आपकी नजर से छूट गयी थी। <br />2 दीपक, मेरा मंतव्य तो गोपनीय नहीं था फिर तुम्हें क्यों नहीं समझ आया? मैं तो इतना कहना चाह रही थी कि हमारा दिमाग अपनी तरीके से प्रतिक्रिया करता है, सभी बातों पर नहीं करके केवल जो गुण उसके पास होते हैं उन्हीं के अनुसार प्रतिक्रिया करके टिप्पणी लिखता है। इसलिए यह जरूरी नहीं कि हम सभी पर अपनी प्रतिक्रिया करें। लेकिन जब कोई विषय आपके मन को छू जाता है तब आपका दिमाग बिना प्रतिक्रिया करे रह नहीं सकता।<br />3 खुशदीप जी<br />आपकी पोस्ट नि:संदेह अच्छी और जानकारी परक थी बस मैंने इसलिए उन गानों को नहीं सुना था कि पता नहीं मेरे स्त्री-विमर्श वाले न्यूरोन मुझ पर हावी हो जाएं और मैं कोई उपदेश दे डालूं। बात को गम्भीरता से नहीं लेकर हल्का ले लो प्लीज। जो व्यापार करते हैं वे तो तिजोरी भरने की कला जानते ही हैं तो भरने दो उन्हें तिजोरियां। वे तिजोरी से खुश और हम ज्ञान बांटने से। <br />आप सभी का पुन: आभार।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-12402682337179498952010-09-12T12:06:13.044+05:302010-09-12T12:06:13.044+05:30.
अजित जी,
कुबुलाते तो हर ब्लॉगर के दीमाग में हैं,....<br />अजित जी,<br />कुबुलाते तो हर ब्लॉगर के दीमाग में हैं, लेकिन हैरत की बात ये है की कुछ लोग इन कुलबुलाते कीड़ों को शांत कैसे कर लेते हैं, और बिना प्रतिक्रिया दिए , खिसक लेते हैं।<br /><br />सुन्दर पोस्ट ...बधाई !<br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-83167695319068765492010-09-12T11:48:05.924+05:302010-09-12T11:48:05.924+05:30so many comment? neurons are realy affective.so many comment? neurons are realy affective.G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-89160276060315392312010-09-12T10:44:35.818+05:302010-09-12T10:44:35.818+05:30टीपना और टिपियाया जाना ,दोनों ही पसंद है मुझे
शाय...टीपना और टिपियाया जाना ,दोनों ही पसंद है मुझे<br /> शायद न्युरान्स अधिक सक्रिय हों ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-28716385750110263972010-09-12T10:20:22.207+05:302010-09-12T10:20:22.207+05:30हमें तो बहुत पसन्द आया अजित जी आपका यह पोस्ट! न्यू...हमें तो बहुत पसन्द आया अजित जी आपका यह पोस्ट! न्यूरोन्स के विषय में जानकारी मिली!<br /><br />वैसे आजकल हम बहुत कम टिप्पणी करते हैं पर आपने सही लिखा है कि किसी पोस्ट को पढ़कर दिमागी कीड़े कुलबुलाने लगते हैं सो आपके इस पोस्ट को पढ़कर हमारे भी दिमागी कीड़े कुलबुलाने लगे और उसक नतीजा तो आप इस टिप्पणी के रूप में देख ही रही हैं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-9078189657927037012010-09-12T10:05:39.210+05:302010-09-12T10:05:39.210+05:30Main samjhtaa hoon ki aabhaaseee duniyaa ke sabhee...Main samjhtaa hoon ki aabhaaseee duniyaa ke sabhee dhurandaron kaa yahee haal hai,पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-46920634421599593352010-09-12T10:05:18.217+05:302010-09-12T10:05:18.217+05:30अजित जी,
पहले तो बधाई साफ़गोई के लिए, आपकी पोस्ट प...अजित जी,<br />पहले तो बधाई साफ़गोई के लिए, आपकी पोस्ट पढ़कर मेरे न्यूरॉन्स भी मचलने लगे टिप्पणी देने के लिए...न्यूरॉन्स इलेक्ट्रोकैमिकल रिएक्शन पर काम करते हैं...आपके पैर में कांटा चुभता है, तो आपको दर्द का अहसास कराने वाले ये मिस्टर न्यूरॉन ही काम करते हैं...<br /><br />रही मुन्नी बदनाम की बात तो उसमें मैंने पहले ही सावधान कर दिया था कि मुन्नी बदनाम का ओरिजनल गीत आंचलिक पुट लिए हुए है और कुछ द्विअर्थी शब्द शामिल है...और ये सिर्फ एक गीत की बात थी...आपने अच्छा किया अपने न्यूरॉन्स को सक्रिय होने से रोकने के लिए वो गीत नहीं सुना...लेकिन ऐसे गीत आपको हर भाषा के फोक में मिल जाएंगे...भोजपुरी और हरियाणवी में तो खास तौर...आप अपने परिवेश के हिसाब से ऐसे गीतों से कोसो दूर रहते हैं...लेकिन एक पत्रकार को समाज के हर वर्ग, हर अंचल की सभी गतिविधियों की जानकारी रखने के लिए हमेशा आंखें खोल कर रहना पड़ता है...अब मुन्नी बदनाम को ही लीजिए, मूल इसका कहीं से भी आया हो लेकिन आज इसने सलमान खान और उनके परिवार की तिजोरियां ठसाठस भर दी होंगी...जिसके लिए हम बात करने से भी कतरा रहे हैं, सलमान के प्रोडक्शन हाउस ने उसी को आधार बनाकर और मुन्नी बदनाम गीत को बार-बार टीवी चैनल्स और एफ एम पर बजा बजा कर अपनी फिल्म के लिए इतना हाइप खड़ा कर लिया...यानि बदनाम कुछ भी हो अपना उल्लू सीधा कर लिया...जिस चीज़ से पूरा देश प्रभावित हो वो खबर होती है...और आप मानेंगी ही कि आज मुन्नी बदनाम खबर है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-26341111711922252422010-09-12T09:36:30.459+05:302010-09-12T09:36:30.459+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।
हिन्दी, भाषा के रूप में एक...बहुत अच्छी प्रस्तुति। <br /><br /><b>हिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है। </b><br /><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/09/3.html" rel="nofollow"> देसिल बयना – 3"जिसका काम उसी को साजे ! कोई और करे तो डंडा बाजे !!", राजभाषा हिन्दी पर करण समस्तीपुरी की प्रस्तुति, पधारें</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-78211364956061579562010-09-12T09:22:04.136+05:302010-09-12T09:22:04.136+05:30कीडे कुलबुलाते तो हैं कभी कभी.. अच्छा लेख वैसे भी ...कीडे कुलबुलाते तो हैं कभी कभी.. अच्छा लेख वैसे भी संक्रामक होता है.. एक नशे सा चढ जाआ है आप पर और न्यूरान्स को अपने कब्जे में ले लेता है.. <br /><br />उस वक्त कभी कभी इंसान अच्छा भी लिख जाता है..Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-68335925683686548182010-09-12T09:10:23.513+05:302010-09-12T09:10:23.513+05:30ढूंढ रहा हूँ कि किस चीज का बुरा मान लूँ..:) मिल ही...ढूंढ रहा हूँ कि किस चीज का बुरा मान लूँ..:) मिल ही नहीं रहा कुछ.<br /><br />गणेश चतुर्थी और ईद की बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-23289071274819227902010-09-12T06:04:59.898+05:302010-09-12T06:04:59.898+05:30ह्म्म्म.. तंत्रिका तंत्र की इकाई कह सकते हैं हम न्...ह्म्म्म.. तंत्रिका तंत्र की इकाई कह सकते हैं हम न्यूरोन को.. जिसका काम शरीर में कहीं भी किसी क्रिया या किसी वस्तु इत्यादि से स्पर्श की सूचना तुरत मष्तिष्क को पहुंचाना है... मैं पोस्ट को समझ नहीं पा रहा मैम.. :(<br />सन्दर्भ होते तो ज्यादा स्पष्ट होती ये पोस्ट..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-69344560943769774862010-09-12T02:33:15.514+05:302010-09-12T02:33:15.514+05:30post padhkar to sachmuch tippani dene wale keede k...post padhkar to sachmuch tippani dene wale keede kulbulane lagate.... aksar aisa hi hota hai. डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-80578909395525689872010-09-12T01:50:58.426+05:302010-09-12T01:50:58.426+05:30जी हाँ ,आपके जैसा ही कुछ हाल मेरा भी है :-)जी हाँ ,आपके जैसा ही कुछ हाल मेरा भी है :-)Mahakhttps://www.blogger.com/profile/11844015265293418272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-56414806557642255152010-09-12T00:04:37.898+05:302010-09-12T00:04:37.898+05:30सही कहा मैडम आपने...सही कहा मैडम आपने...Madhu chaurasia, journalisthttps://www.blogger.com/profile/07800523390622467943noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-53911555727210514062010-09-11T23:01:04.503+05:302010-09-11T23:01:04.503+05:30बहुत बार कुलबुलाते हैं।
भाग आता हूं।
आपको और आपक...बहुत बार कुलबुलाते हैं।<br />भाग आता हूं।<br /><br /><b>आपको और आपके परिवार को तीज, गणेश चतुर्थी और ईद की हार्दिक शुभकामनाएं!</b><br /><a href="http://manojiofs.blogspot.com/2010/09/blog-post_11.html" rel="nofollow"> फ़ुरसत से फ़ुरसत में … अमृता प्रीतम जी की आत्मकथा, “मनोज” पर, मनोज कुमार की प्रस्तुति पढिए! </a>मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-89109644818610715422010-09-11T22:21:58.700+05:302010-09-11T22:21:58.700+05:30अजित जी तौबा मेरे तो इतना कुलबुलाते हैं कि मैं याद...अजित जी तौबा मेरे तो इतना कुलबुलाते हैं कि मैं याद ही कर रही थी कि आपने कई दिन से पोस्ट नही लिखी कमेन्ट कैसे दूँ सो आ गयी पोस्ट अब जा कर मन को शान्ति हुयी। इनके कुलबुलाने से ही तो रोज़ इतना टीपते है। शुक्र है कि अभी 7-8 ही काम करते हैं नहीं तो पता नही टिप्पणियों के लिये कोई ब्लाग बचता कि नहीं।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-27022137592618807962010-09-11T21:32:26.341+05:302010-09-11T21:32:26.341+05:30हम तो अभी तक न्युरोंस को समझने की कोशिश कर रहे हैं...हम तो अभी तक न्युरोंस को समझने की कोशिश कर रहे हैं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-37273601970548678152010-09-11T20:50:14.456+05:302010-09-11T20:50:14.456+05:30कमाल है, ब्लॉगजगत के किसी चिकित्सक/जीव-वैज्ञानिक क...कमाल है, ब्लॉगजगत के किसी चिकित्सक/जीव-वैज्ञानिक की कोई टिप्पणी नहीं आयी इस पोस्ट पर! कहाँ हैं सब के सब?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-11020990264041361872010-09-11T17:13:16.799+05:302010-09-11T17:13:16.799+05:30हा हमेशा ही :)हा हमेशा ही :)Coralhttps://www.blogger.com/profile/18360367288330292186noreply@blogger.com