tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post6214084129789512005..comments2023-12-30T03:15:36.067+05:30Comments on अजित गुप्ता का कोना: जनजातीय गाँव - 2अजित गुप्ता का कोनाhttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-13984412913829249302009-10-07T12:32:46.748+05:302009-10-07T12:32:46.748+05:30रोचक विवरण, पढकर अच्छा लगा।
करवाचौथ और दीपावली की ...रोचक विवरण, पढकर अच्छा लगा।<br />करवाचौथ और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।<br />----------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">बोटी-बोटी जिस्म नुचवाना कैसा लगता होगा? </a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-80623760866225466502009-10-01T10:56:15.302+05:302009-10-01T10:56:15.302+05:30वाह बडा रोचक संस्मरण लिखा आपने एक दिनी पिकनिक का. ...वाह बडा रोचक संस्मरण लिखा आपने एक दिनी पिकनिक का. भुट्टे और वो भी ताजा तोडकर..पढते ही मुंह मे पानी आजाता है. उदयपुर कई बार आना हुआ पर इन गांवों की तरफ़ जाने का समय ही नही मिला. बहुत शुभकामनाए.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-83107676622109824202009-09-30T17:10:08.726+05:302009-09-30T17:10:08.726+05:30ji bahut achhi kahani sunaye aapne ..ji bahut achhi kahani sunaye aapne ..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07770812126741075911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-64296580645506892272009-09-27T01:01:27.588+05:302009-09-27T01:01:27.588+05:30बांधती है आपकी शैलीबांधती है आपकी शैलीबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-8227697968601168942009-09-26T22:21:01.551+05:302009-09-26T22:21:01.551+05:30आपके लेख से पर्वों की नयी जानकारियाँ मिली शुक्रिय...आपके लेख से पर्वों की नयी जानकारियाँ मिली शुक्रिया .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-88316108503701010422009-09-26T20:15:14.018+05:302009-09-26T20:15:14.018+05:30सिर्फ भुट्टे ही नहीं गेहूं की डांगिया, हरे चने आदि...सिर्फ भुट्टे ही नहीं गेहूं की डांगिया, हरे चने आदि कई चीजें हैं जो ताजे तोड़ कर खेत में में सिकवा कर गर्मा-गर्म खाने का मजा ही अलग है।सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-73045444640974905982009-09-26T17:37:33.526+05:302009-09-26T17:37:33.526+05:30rochak......
aur gyaanvardhak
abhivaadan svikaare...rochak......<br />aur gyaanvardhak<br /><br />abhivaadan svikaareiN<br /><br />---MUFLIS---daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-25285163496076566582009-09-26T11:11:47.518+05:302009-09-26T11:11:47.518+05:30आपकी इस पोस्ट से बहुत ही रोचक
और एकदम नई जानकारी ...आपकी इस पोस्ट से बहुत ही रोचक <br />और एकदम नई जानकारी मिली।<br />धन्यवाद!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-71616837488652253422009-09-26T11:08:59.111+05:302009-09-26T11:08:59.111+05:30भुट्टा खाने का असली आनंन्द तब आता है जब खेत में ही...भुट्टा खाने का असली आनंन्द तब आता है जब खेत में ही भुनवा के खाया जाय|<br />बहुत अच्छा वर्णन किया है।<br />बधाई!रचना त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/12447137636169421362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-24820196679582368132009-09-25T14:36:49.779+05:302009-09-25T14:36:49.779+05:30आनन्द आ गया आपकी पोस्ट पढ़कर खासकर जन्जतियो के साथ...आनन्द आ गया आपकी पोस्ट पढ़कर खासकर जन्जतियो के साथ बात करके और भुट्टे खाने वाला संस्मरण |हम भी करीब १५ साल राजस्थान और मध्य प्रदेश कि सीमारेखा के पास नया गाव के पास विक्रम सीमेंट में रहे<br />वहां के आदिवासी गाँवो में बहुत काम किया है \बहुत सारे चिकित्सा शिविर महिलाओ के लिए सिलाई कक्षाए ,बच्चो के लिए आगंवादी कारपेट सेंटर आदी |तभी गावो में ही काफी समय बीतता था |वो ही यादे ताजा हो गई \<br />आभारशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-44795540685585718932009-09-25T09:09:25.514+05:302009-09-25T09:09:25.514+05:30्बेहतरीन भुट्टा वृतांत...:) मजा आ गया.्बेहतरीन भुट्टा वृतांत...:) मजा आ गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-28901939729311945072009-09-25T08:29:56.720+05:302009-09-25T08:29:56.720+05:30बहुत उम्दा वृत्तांत लिखा है आपने.
बधाई.बहुत उम्दा वृत्तांत लिखा है आपने.<br /> बधाई.डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04367258649357240171noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-88428625238360240342009-09-24T12:08:46.883+05:302009-09-24T12:08:46.883+05:30गवरी पर्व सवा महिने चलने वाला पर्व है। सवा माह का ...गवरी पर्व सवा महिने चलने वाला पर्व है। सवा माह का नियम तो रमजान के एक माह के रोजे से भी लम्बा है. यह जान कर बहुत ही आर्श्चय हुआ " इस पर्व में वनवासी अपनी फसल को तोडता नहीं है और न ही हरी सब्जियों का सेवन करता है।" बहुत ही संयम से सवा महिना गुज़रना पड़ता होगा उन्हें.................<br /><br />ऐसे श्रद्धा के सवा महीने के संयम और नियमबद्ध पर्व और भोले बनवासियों को नमन.<br /><br />एक अच्छी जानकारी और सुन्दर चित्र द्वारा उसका दर्शन करने के लिए आपका आभार.<br /><br />चन्द्र मोहन गुप्त<br />जयपुर<br />www.cmgupta.blogspot.comMumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-37494155631313581842009-09-23T19:07:58.925+05:302009-09-23T19:07:58.925+05:30आपका संस्मरण पढ कर तो अपना भी दिल भुटे खाने का करन...आपका संस्मरण पढ कर तो अपना भी दिल भुटे खाने का करने लगा मगर नवरात्र पर्व के व्रत हैं खा नहीं सकते। मैने भी गवरी पर्व के बारे मे पहली बार सुना है। एक ही भारत मे कितनी अलग अलग पर्व और त्यौहार देखने को मिलते हैं जिनके बारे मे शायद भारत मे रहने वाले लोग ही नहीं जानते । तभी तो जीवन अगर कहीं है तो भारत मे अनेक रंग रूप लिये। आपकी अगली कडी का इन्तज़ार रहेगा। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-75780146414742835012009-09-23T17:45:18.741+05:302009-09-23T17:45:18.741+05:30आह आपने तो जिस तरह भुट्टे खाने का वर्णन किया है क...आह आपने तो जिस तरह भुट्टे खाने का वर्णन किया है की मुंह में पानी आ गया -अब कहाँ से मिलेगें भुट्टे ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-81185531656059433132009-09-23T17:10:55.402+05:302009-09-23T17:10:55.402+05:30दराल जी
मैंने इससे पूर्व की पोस्ट पर गवरी के बारे...दराल जी<br />मैंने इससे पूर्व की पोस्ट पर गवरी के बारे में लिखा था कि यह महाभारत कालीनपौराणिक कथाओं का मंचन है। जनजातीय लोग इसे गाँव-गाँव और उदयपुर शहर में भी स्वांग भरकर नृत्य नाटिका के रूप में प्रस्तुत करते हैं।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-85214400900777534002009-09-23T14:30:59.845+05:302009-09-23T14:30:59.845+05:30भुट्टो की कहानी तो बड़ी मजेदार रही. लेकिन आपने ये ...भुट्टो की कहानी तो बड़ी मजेदार रही. लेकिन आपने ये नहीं बताया की इस गवरी पर्व में होता क्या है. जाने की उत्सुकता है.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.com