tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post3776516420765397069..comments2023-12-30T03:15:36.067+05:30Comments on अजित गुप्ता का कोना: तो विदा 2011, क्या करें तुझे सर्दी में ही विदा करना पड़ रहा है!अजित गुप्ता का कोनाhttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comBlogger48125tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-89225641052656906902012-01-21T18:58:04.328+05:302012-01-21T18:58:04.328+05:30भारत भी यदि दूसरे देशों से वर्तमान में जीना सीख ले...भारत भी यदि दूसरे देशों से वर्तमान में जीना सीख लें तो भारत का भविष्य भी ज्यादा सुखी हो सकता है।इसे भारत का दुर्भाग्य कहें की अतीत के सशक्त होने के बावजूद भी वह अपनी पहचान धूमिल करता जा रहा है |" शानदार पोस्ट "है|sangitahttps://www.blogger.com/profile/15885937167669396107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-59495670718259462652012-01-18T10:40:04.167+05:302012-01-18T10:40:04.167+05:30हार्दिक मंगलकामनायें!हार्दिक मंगलकामनायें!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-32171467471837810112012-01-17T11:58:04.228+05:302012-01-17T11:58:04.228+05:30अजित जी
धन्यवाद ! पारिवारिक व्यस्...अजित जी <br /><br /> धन्यवाद ! पारिवारिक व्यस्तता बढ़ने से ब्लॉग से दूरी हो गई है बस जब छोटे भाई बहन कोई लिंक भेज कर ब्लॉग पर लगाने के लिए कहते है तभी यहाँ आना हो पाता है | अच्छा लगा जान कर की किसी को मेरे न होने का पता है खोज खबर लेने के लिए धन्यवाद | देर से ही सही आप को नव वर्ष की शुभकामनाये !anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-81395217782382307832012-01-16T15:21:05.815+05:302012-01-16T15:21:05.815+05:30बहुत ही उम्दा पोस्ट है,काफी अच्छा लिखती है आप........बहुत ही उम्दा पोस्ट है,काफी अच्छा लिखती है आप.....about me में आप ने जो पंक्तियाँ लिखी वो बहुत ही प्यारी है.....अच्छा है आप का ब्लॉग .......avanti singhhttps://www.blogger.com/profile/05644003040733538498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-83191848936085420702012-01-10T10:53:43.415+05:302012-01-10T10:53:43.415+05:30सब बाज़ारवाद की सौगातें हैंसब बाज़ारवाद की सौगातें हैंBS Pablahttps://www.blogger.com/profile/06546381666745324207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-8352011515602023722012-01-09T22:51:36.304+05:302012-01-09T22:51:36.304+05:30सुंदर अभिव्यक्ति,
welcom to--"काव्यान्जलि&qu...सुंदर अभिव्यक्ति, <br />welcom to<a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/blog-post.html#links" rel="nofollow">--"काव्यान्जलि"--</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-79038073971638187312012-01-08T12:37:54.149+05:302012-01-08T12:37:54.149+05:30bahut hi rochak prastuti Gupta ji ....badhai .bahut hi rochak prastuti Gupta ji ....badhai .Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-13621750013552489992012-01-08T11:43:01.179+05:302012-01-08T11:43:01.179+05:30सही है ।
हमारा नया वर्ष तो बसंत ही लाता है।सही है ।<br />हमारा नया वर्ष तो बसंत ही लाता है।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-52870373637676148902012-01-07T21:06:38.499+05:302012-01-07T21:06:38.499+05:30मन की भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति,सुंदर लेख ........मन की भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति,सुंदर लेख ......<br />WELCOME to<a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/blog-post.html#links" rel="nofollow">--जिन्दगीं--</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-58709600065589557442012-01-06T23:16:51.377+05:302012-01-06T23:16:51.377+05:30हम सब भारतीय नव वर्ष भी मनाएंगें।
फिलहाल विदेशी न...हम सब भारतीय नव वर्ष भी मनाएंगें। <br />फिलहाल विदेशी नववर्ष की शुभकामनाएं।डॉ.मीनाक्षी स्वामी Meenakshi Swamihttps://www.blogger.com/profile/15313541475874234966noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-38041070694709910822012-01-06T23:08:17.076+05:302012-01-06T23:08:17.076+05:30प्रिय अजित
हैप्पी न्यू इयर
तुम्हारा ब्लॉग पढ़ा बह...प्रिय अजित <br />हैप्पी न्यू इयर <br />तुम्हारा ब्लॉग पढ़ा बहुत सुंदर लिखती हो <br />में भी हिंदी में लिखने की कोशिश कर रही हु <br />भगवन मुझे सफलता दे ,यह नव वर्ष में कामना <br />करती हु <br />आमीन <br />किरणdr kiran mala jainhttps://www.blogger.com/profile/12900616331456968920noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-36639564737615875052012-01-06T23:06:40.475+05:302012-01-06T23:06:40.475+05:30प्रिय अजित
हैप्पी न्यू इयर
तुम्हारा ब्लॉग पढ़ा बह...प्रिय अजित <br />हैप्पी न्यू इयर <br />तुम्हारा ब्लॉग पढ़ा बहुत सुंदर लिखती हो <br />में भी हिंदी में लिखने की कोशिश कर रही हु <br />भगवन मुझे सफलता दे ,यह नव वर्ष में कामना <br />करती हु <br />आमीन <br />किरणdr kiran mala jainhttps://www.blogger.com/profile/12900616331456968920noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-81484476933398711002012-01-06T15:33:45.574+05:302012-01-06T15:33:45.574+05:30बहुत बढ़िया प्रस्तुति,२०१२ की बात करे कि हमे क्या ...बहुत बढ़िया प्रस्तुति,२०१२ की बात करे कि हमे क्या नया करना है सुंदर आलेख ......<br />welcome to new post<a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/blog-post.html#links" rel="nofollow">--जिन्दगीं--</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-87049410293991552022012-01-05T21:35:47.925+05:302012-01-05T21:35:47.925+05:30good post.good post.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-70034379955180651322012-01-05T00:55:33.742+05:302012-01-05T00:55:33.742+05:30"...क्या जीवन में इतनी निराशा है? क्या जीवन..."...क्या जीवन में इतनी निराशा है? क्या जीवन में इतनी कटुता है? जो सबकुछ भुला देना चाहते हैं !!!"<br /><br />महत्वपूर्ण और प्रासंगिक प्रश्न उठाये हैं आपने...अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-81583996516023636742012-01-01T14:51:46.863+05:302012-01-01T14:51:46.863+05:30आपका कहना भी सच है, पर खुशियाँ जब भी बाँट लें
अच्...आपका कहना भी सच है, पर खुशियाँ जब भी बाँट लें <br />अच्छा है..वसंत में भी नव वर्ष मनाएंगे ही..आप को सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-24224028615343000212011-12-31T21:33:42.819+05:302011-12-31T21:33:42.819+05:30नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ।नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ।amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-35471502469710282602011-12-31T18:30:25.099+05:302011-12-31T18:30:25.099+05:30सच ब्लॉग लिखने पढने के लिए समय निकलना आसन काम नही...सच ब्लॉग लिखने पढने के लिए समय निकलना आसन काम नहीं.....आपने तो पोस्ट के लिए निकाल भी लिया .लेकिन हम तो औपचारिक भर नया साल मानते हैं ..बच्चों की ख़ुशी के लिए उनके साथ टीवी पर प्रोग्राम देखकर ....<br />बहुत बढ़िया विश्लेषण और प्रस्तुति..<br /> आपको भी नववर्ष की सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-88868875433627423602011-12-31T15:18:50.854+05:302011-12-31T15:18:50.854+05:30भारत का ज्ञान आज साथ होता तो तुझे हम बसन्त में वि...भारत का ज्ञान आज साथ होता तो तुझे हम बसन्त में विदा करते और 2012 को भी बसन्त में ही अपने घर भोर की बेला में घर ले आते। --- सुन्दर सत्य बचन हैं जी....<br />----दो घनाक्षरी प्रस्तुत हैं..<br /><br />पहली जनवरी को मित्र हाथ मिलाके बोले ,<br />वेरी वेरी हेप्पी हो न्यू ईअर,यह मित्रवर |<br />हम बोले शीत की इस बेदर्द ऋतु में मित्र ,<br />कैसा नव वर्ष तन काँपे थर थर थर |<br />ठिठुरें खेत बाग़ दिखे कोहरे में कुछ नहीं ,<br />हाथ पैर हो रहे छुहारा से सिकुड़ कर |<br />सब तो नादान हैं पर आप क्यों हैं भूल रहे,<br />अंगरेजी लीक पीट रहे नच नच कर ||<br /><br />अपना तो नव वर्ष चैत्र में होता प्रारम्भ ,<br />खेत बाग़ वन जब हरियाली छाती है |<br />सरसों चना गेहूं सुगंध फैले चहुँ ओर ,<br />हरी पीली साड़ी ओड़े भूमि इठलाती है |<br />घर घर उमंग में झूमें जन जन मित्र ,<br />नव अन्न की फसल कट कर आती है |<br />वही है हमारा प्यारा भारतीय नव वर्ष ,<br />ऋतु भी सुहानी तन मन हुलसाती है ||डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-37194135280553291062011-12-31T12:29:29.543+05:302011-12-31T12:29:29.543+05:30हर नया दिन 'बसंत ' है ..
नए साल की शुभकामन...हर नया दिन 'बसंत ' है ..<br />नए साल की शुभकामनायें ..<br />kalamdaan.blogspot.comRITU BANSALhttps://www.blogger.com/profile/14474354506605954847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-30752000251514723302011-12-31T10:06:16.976+05:302011-12-31T10:06:16.976+05:30व्यक्ति और दल
दोनों से ही ऊपर
है यह राष्ट्र महान...व्यक्ति और दल <br />दोनों से ही ऊपर <br />है यह राष्ट्र महान <br />और राष्ट्र संचालन <br />को ही बना है संसद <br />और संविधान.<br /><br />गौरव - गरिमा <br />संविधान की <br />यहाँ अक्षुण <br />सदा बनी रहे, <br />किन्तु दायित्व <br />उसी का यह, <br />राष्ट्र में सदा <br />सुख शान्ति रहे.<br />भयमुक्त और <br />भ्रष्टाचारमुक्त कैसे <br />यह शासन तंत्र रहे?<br /><br />व्यक्ति या दल, <br />रहे न रहे,<br />यह राष्ट्र हमारा <br />अमर रहे.<br />गणतंत्र रहे, <br />स्वतंत्र रहे...<br />यही एक <br />अपेक्षा अपनी,<br />आनेवाले इस <br />नए वर्ष से.<br />अपने प्यारे देश, <br />भारत वर्ष से.<br />परन्तु कभी न <br />स्व' का 'तंत्र' रहे.<br />हाँ! कभी न <br />स्व' का 'तंत्र' बने.Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-7640268547523502162011-12-31T07:50:24.542+05:302011-12-31T07:50:24.542+05:30.......नववर्ष आप के लिए मंगलमय हो
शुभकामनओं के सा..........नववर्ष आप के लिए मंगलमय हो<br /><br />शुभकामनओं के साथ<br />संजय भास्करसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-14281099602998672282011-12-30T13:59:04.135+05:302011-12-30T13:59:04.135+05:30रजाई में दुबका पुराना साल जा रहा है, सिगरेट सुलगात...रजाई में दुबका पुराना साल जा रहा है, सिगरेट सुलगाता नया साल आ रहा है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-42531651986368640362011-12-30T11:16:48.849+05:302011-12-30T11:16:48.849+05:30खुशदीप जी, आपने तीन अक्श खींचे और तीनों ही लाजवाब...खुशदीप जी, आपने तीन अक्श खींचे और तीनों ही लाजवाब हैं। हमने बाजारवाद को इतना हावी कर लिया है कि मानवता शायद समाप्त होती जा रही है। त्योहार हमारे जीवन में परिवार का सौहार्द बढाने के लिए होते थे लेकिन अब तो केवल बाजार बढ़ाने के लिए हो गए हैं। आपका आभार जो आपने इतना अच्छा चित्रण किया।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-31915189761901301312011-12-30T10:16:54.726+05:302011-12-30T10:16:54.726+05:30नए साल के तीन अक्स-
अक्स नंबर 1
महानगर का पांचसित...नए साल के तीन अक्स- <br />अक्स नंबर 1<br />महानगर का पांचसितारा होटल...रंगीन जलती बुझती रौशनियों से नहाया समां...चारों ओर फिज़ा में फैली हुई एक से बढ़कर एक विदेशी परफ्यूम की खुशबू...तरह की तरह खुशबू मिलकर नथुनों को चीरती हुई बेहोश कर देने की हद तक पहुंच रही थी...वैसे भी यहां होश में कौन था...रात 11 बजकर 30 मिनट...डीजे का शोर कान फाड़ने वाले डेसीबल्स तक पहुंच गया था...नौजवान जोड़े इस तरह चिपक कर नाच रहे थे कि बीच से हवा को गुज़रने की भी जगह न मिले...उन्मुक्त व्यवहार सार्वजनिक वर्जनाएं तोड़ने की सीमा तक पहुंच चुका है...कपड़े ऐसे कि शरीर ढकता कम दिखता ज़्यादा...जो कपड़े मुश्किल से टिके भी हुए हैं वो भी सरकने को तैयार...जश्न में मौजूद अधेड़ सब कुछ देखते हुए भी नज़रअंदाज कर रहे हैं...तभी स्टेज पर वो पहुंच चुकी है़ जिन्हें इस मौके के लिए खास तौर पर थिरकता देखने को सभी बेचैन थे...बैचेन क्यों न हो हज़ारों खर्च कर सिर्फ एक झलक जो मिलनी थी...जी हां यहां बात बॉलीवुड की एक सेक्सी सुपरस्टार की हो रही थी...जिसे बीस-पच्चीस मिनट तक ठुमके दिखाने के लिए दो करोड़ रुपये में साइन किया गया था...अब बारह बजने में बस 5 मिनट रह गया है...सभी का जोशोखरोश अब चरम पर है...सब इस इंतज़़ार में कि बारह बजते ही न जाने वो कौन सी दुनिया में पहुंच जाएंगे...बारह बजने को हैं...बत्तियां बंद कर दी जाती हैं...हैप्पी न्यू ईयर का हर गले से ऐसे शोर उठता है कि सिवाय हल्ले के कुछ सुनाई नहीं देता...दो-तीन मिनट तक अंधकार रहता है...इस अंधकार में कई सार्वजनिक वर्जनाएं भी टूट गई हो तो कोई बड़ी बात नहीं...बिजली आ जाती है..कई गुब्बारे फूटते हैं...गुलाब की पंखुडियों से फर्श अट जाता है...अब कई शैंपेन एक साथ खुल जाती है...एक दो घंटे तक ज़ोर-ज़ोर से हाथ-पैर मारने का खेल (जिसे हिपहॉप, रैप, सालसा न जाने क्या क्या नाम देकर डांस कहा जाता है) चलता है...इसके बाद सब निढ़ाल होते जा रहे हैं...कुछ ऐसे भी हैं जो मदहोश होकर पैरों पर चलने लायक ही नहीं रह गए हैं...जो खुद गिर रहे है वही दूसरों को सहारा दे-देकर गाड़ियों तक ले जा रहे हैं..घर सही सलामत पहुंच जाएं...वही बड़ी बात है...<br /><br />अक्स नंबर 2-<br />नोएडा के मशहूर चौराहे के पास फुटपाथ...वक्त रात दो बजे...चाय वाले के खोखे के पास कुछ मज़दूर मुंह तक चादर ओढ़े अलाव सेंक रहे हैं...थोड़ी थोड़ी देर बाद अलाव में गत्ते कागज डालकर आग को न बुझने देने की मशक्कत भी चल रही है...उन्हीं के बीच से एक अधेड़ कहता है ओस में भीगकर मरे ये गत्ते भी जलने का नाम नहीं ले रहे हैं...सर्द हवा ऐसी कि शरीर को अंदर तक चीरे जा रही है...दूसरा हां में हां मिलाते कहता है...अब तो कई बरस की सर्दी झेल झेल कर ये कमबख्त गरम चादर भी सूत हो गई है....भला हो उस रहमदिल सेठ का जिसने कभी दान मे ये चादर दी थी....ये सब चल ही रहा था कि सामने से नागिन की तरह बल खाती एक चमचमाती बड़ी सी कार ज़ोरदार ब्रेक के साथ झटके से रुकती है...कार में फुल वोल्यूम में स्टीरियो चल रहा है और अंदर बैठे लड़के लड़कियों मस्ती में एक दूसरे के ऊपर लुढ़के जा रहे है...तभी एक रईसजादा कार से मुंह निकाल कर अलाव सेंक रहे मज़दूरों से तंज के लहजे में कहता है...विश यू वैरी हैप्पी टू थाउसेंड टेन...कार फिर तेज़ी से बैक कर निकल जाती है...एक कम उम्र का मज़दूर बड़ों से पूछता है...चचा क्या कह रहे थे ये बबुआ...एक बुज़ुर्ग जवाब देता है...कुछ नहीं भैया, सब अमीरों के चोंचले हैं...हम गरीबों के लिए क्या नया और क्या पुराना साल...हमारे लिेए तो हर साल इस वक्त ठंड मुसीबत बन कर आए है...पिछले साल सरकार ने रात को चौराहे पर लकड़ियां जलवाने का इंतज़़ाम करवाया था, इस बार वो भी गायब...<br /> <br />अक्स नंबर तीन-<br />एक मिडिल क्लास फैमिली का लिविंग रूम...घर के सभी लोग बेड और सोफे पर धंसे फ्लैट टीवी स्क्रीन पर नववर्ष के प्रोग्राम देख रहे हैं...बीच-बीच में चाय, कुरकुरे और मुंगफली-गुड़पट्टी के दौर भी चल रहे हैं...रिमोट के ज़रिेए बीच-बीच में चैनल भी बदले जा रहे हैं...साथ ही सब की रनिंग कमेंट्री भी चल रही है...एक चैनल पर गोवा के रिसॉर्ट से नववर्ष का कार्यक्रम लाइव दिखाया जा रहा है...अंगूर खट्टे है की तर्ज पर एक आवाज़ सुनाई देती है...हद हो गई भई बेशर्मी की...कैसे कैसे अश्लील स्टैप्स दिखाए जा रहे हैं...क्या होगा इस देश का...लेकिन यहां भी सिर्फ जुबानी खर्च ही हो रहा है...टीवी को स्विच-ऑफ कोई नहीं कर रहा...घर का एक युवा ख्याली पुलाव बना रहा है कि शायद इस साल अच्छी नौकरी मिल जाए तो अगले नववर्ष पर ज़रूर किसी न्यूईयर पार्टी का टिकट खरीदूंगा...<br /> <br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.com