tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post3075647867847658993..comments2023-12-30T03:15:36.067+05:30Comments on अजित गुप्ता का कोना: संस्मरण – चुड़ैल समझकर लड़के डर गएअजित गुप्ता का कोनाhttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-34225885473288673222010-03-15T13:14:45.028+05:302010-03-15T13:14:45.028+05:30चुड़ैल समझकर भागने वाले संस्मरण से ज्यादा मजा तो उस...चुड़ैल समझकर भागने वाले संस्मरण से ज्यादा मजा तो उस विंटेज कर के बोनट को बंद करने में जो प्राणायाम किया होगा उसे सोच कर आया. उस कमाल की गाडी में वो आपकी यात्रा अविस्मर्णीय ही रही होगी.Bhavesh (भावेश )https://www.blogger.com/profile/14963074448634873997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-18158893669464054352010-03-12T10:24:46.348+05:302010-03-12T10:24:46.348+05:30वाकई आपके इस वृतांत को मैंने एक ही लाइन पढ़ा लेकिन...वाकई आपके इस वृतांत को मैंने एक ही लाइन पढ़ा लेकिन फिर पूरा पढ़े बिना रहा नहीं गया। बहुत ही अच्छा और बांधकर रखने वाला विवरण है। इस तरह के वाकये जीवन में तो यादगार होते ही हैं हमें भी यादगार लम्हे दे जाते हैं। बहुत मजा आया पढ़कर। इसे पढ़ते हुए मेरे मन मस्तिष्क में पूरा दृश्य चित्रांकित हो रहा है। आपसे अनुरोध है कि जब भी आप कुछ लिखें तो कृपया उसका एक लिंक अवश्य भेजने का कष्ट करें। मेरा ईमेल आईडी है anil4pandey@gmail.com धन्यवाद।अनिल पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/08537581524466402579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-35977028429915878282010-03-11T17:45:53.956+05:302010-03-11T17:45:53.956+05:30आपको ये कहते हुए देखा कि आप ने बहुत बढ़िया पोस्ट ल...आपको ये कहते हुए देखा कि आप ने बहुत बढ़िया पोस्ट लगाई परन्तु आपसी विवाद के नाते किसी ने उसपर ध्यान नहीं दिया , मुझे दुःख हुआ इस बात का । सच में आपने बहुत बढ़िया संस्मरण लिखा है , शायद संस्मरण के मायने भी यही होते है , बहुतो को मैंने देखा है संस्मरण के नाम पर ना जांने क्या लिख देते है , खैर आपकी प्रस्तुति लाजवाब रही ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-12064097314998227172010-03-09T23:03:38.804+05:302010-03-09T23:03:38.804+05:30एकदम गजब्बे का लिखी हैं आप तो.. :)एकदम गजब्बे का लिखी हैं आप तो.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-30892535480731696652010-03-09T10:46:16.995+05:302010-03-09T10:46:16.995+05:30मन मे जब डर हो तो रात के अंधेरे मे पेड़ भी भूत-प्रे...मन मे जब डर हो तो रात के अंधेरे मे पेड़ भी भूत-प्रेत से कम नज़र नही आते।मज़ेदार किस्सा और अपने समय की सबसे खूबसुरत कर कोंटेसा सच मे अब विंटेज हो गई है।मैने भी काफ़ी समय तक़ टाटा की सियेरा चलाई है।बेहद खूबसूरत और पीछे खूब बड़े शीशों वाली कार चलने में भी बहुत अच्छी और कम्फ़र्टेबल थी।उससे मैंने तिरूपती यात्रा भी की थी मगर जैसे-जैसे नई कारें आती गई उसके दो दरवाजे होने की वजह से पीछे बैठने वालों को होने वाली तक़लीफ़ ने उसे मार्केट से आऊट कर दिया और मैने भी।आज भी उसे देखता हूं तो चलाने की इच्छा होती है वो मेरी पसंदीदा कार है मगर क्या करें मार्केट का ज़माना है।वैसे ये नई कारें भी कभी-कभी बहुत तक़लीफ़ देती है,मुझे भी हुई है लिखूंगा किसी दिन आपने तो प्रेरना दे ही दी है।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-88296540727421088682010-03-09T08:23:08.353+05:302010-03-09T08:23:08.353+05:30हा हा बहुत बढ़िया संसमरण... क्या शानदार यात्रा रही...हा हा बहुत बढ़िया संसमरण... क्या शानदार यात्रा रही छकड़ा गाड़ी से..<br /><br /><a href="http://kalptaru.blogspot.com/2010/03/return-guaranteed-highest-nav-but-why.html" rel="nofollow"> निवेश पर अधिकतम रिटर्न की गारंटी, पर फ़िर भी अच्छे रिटर्न नहीं दे पातीं बीमा कंपनियाँ क्यों...? (Return guaranteed highest NAV, but why Insurance Companies not gives best returns.. ) </a>विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-86827518807850225002010-03-09T04:19:07.754+05:302010-03-09T04:19:07.754+05:30Aaj kya likha hai aapne.. ma'am likha nahin sa...Aaj kya likha hai aapne.. ma'am likha nahin sammohan kiya hai.. :)<br />Jai Hind...दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-34918343903937887762010-03-08T21:45:04.954+05:302010-03-08T21:45:04.954+05:30रोचक संस्मरण!
नारी-दिवस पर मातृ-शक्ति को नमन!रोचक संस्मरण!<br /><br />नारी-दिवस पर मातृ-शक्ति को नमन!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-71807559415093176582010-03-08T18:36:50.133+05:302010-03-08T18:36:50.133+05:30बडा ही रोचक किस्सा रहा और आपकी लेखन शैली ने इसको ...बडा ही रोचक किस्सा रहा और आपकी लेखन शैली ने इसको और रोचक बना दिया.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-89929864094462729162010-03-08T18:14:36.581+05:302010-03-08T18:14:36.581+05:30दराल जी, आपकी विंटेज कार वाली बात ने बहुत हँसाया। ...दराल जी, आपकी विंटेज कार वाली बात ने बहुत हँसाया। सच वो विंटेज कार ही थी। मैंने भी बहुत ढूंढी पर मिली नहीं। हमारे मित्र उसे कहीं से मांग कर लाए थे आपातकाल में। क्योंकि उन्होंने पहले एक अन्य विंटेज कार हमें बतायी थी यात्रा के लिए लेकिन वो तो जाते समय ही दरवाजे पर ही अड़ गयी। उसकी जगह यह आनन-फानन में लायी गयी। आपकी बात से ध्यान आ रहा है कि इस प्रकरण को भी संस्मरण में शामिल करना चाहिए था। लेकिन लम्बा होने के डर से कई बातों पर पर्दा डाल दिया गया।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-87610090302388654752010-03-08T17:35:50.813+05:302010-03-08T17:35:50.813+05:30गज़ब का संस्मरण।
ठहाके लगाने वाले भूत !
क्या बात ह...गज़ब का संस्मरण।<br />ठहाके लगाने वाले भूत !<br />क्या बात है।<br />वैसे वो विंटेज कार आजकल कहाँ है ?डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-75304675936871976012010-03-08T17:27:38.221+05:302010-03-08T17:27:38.221+05:30अरेआअप कहाँ से चुडैल लगी उन लडकों को शायद उसने शहर...अरेआअप कहाँ से चुडैल लगी उन लडकों को शायद उसने शहर की औरतें पहले ना देखी हों हा हा हा। बहुत अच्छा लगा आपका संस्मरण कुछ पल हंसने के लिये बहुत अच्छी बात। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-16715876827401209542010-03-08T16:59:59.857+05:302010-03-08T16:59:59.857+05:30बेहद रोचक संस्मरण
मजा आया जी पढकर
प्रणामबेहद रोचक संस्मरण<br />मजा आया जी पढकर<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-82897109731850441612010-03-08T15:16:53.696+05:302010-03-08T15:16:53.696+05:30Oh! Maza aa gaya! Ek nahi do nahee...3/3 chudail.....Oh! Maza aa gaya! Ek nahi do nahee...3/3 chudail..ha,ha,ah!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-76969911408665081452010-03-08T14:13:32.265+05:302010-03-08T14:13:32.265+05:30बहुत ही अच्छी कहानी ,बिलकुल चित्र सामने घूम रहा था...बहुत ही अच्छी कहानी ,बिलकुल चित्र सामने घूम रहा था.अच्छी कहानी .<br />विकास पाण्डेय <br />www.विचारो का दर्पण.blogspot.comUnknownhttps://www.blogger.com/profile/06516338373384117812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-45360978953367409202010-03-08T13:18:11.290+05:302010-03-08T13:18:11.290+05:30जीती जगती चुड़ैलों को देखकर किसी का हार्ट फेल नहीं...जीती जगती चुड़ैलों को देखकर किसी का हार्ट फेल नहीं हुआ ...ये क्या कम बड़ी बात हुई ...:):)<br /><br />रोचक संसमरण ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-88432153547189758402010-03-08T12:08:42.068+05:302010-03-08T12:08:42.068+05:30लाज़बाब संस्मरण है...वह यात्रा तो यादगार बन गयी...व...लाज़बाब संस्मरण है...वह यात्रा तो यादगार बन गयी...वो चुड़ैल समझा जाना.... दीवार फांद कर स्कूल के प्रांगण में सोना...चाय वाले को पैसे देना भूल जाना...और जबरदस्ती का मेहमान बनना...सचमुच..बहुत एन्जॉय किया आपने तो...हमने भी पढ़ कर बहुत एन्जॉय किया.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-27949443457283461982010-03-08T11:46:09.848+05:302010-03-08T11:46:09.848+05:30मैं अभी ऑफिस निकल ही रहा था कि ...आपकी यह पोस्ट द...मैं अभी ऑफिस निकल ही रहा था कि ...आपकी यह पोस्ट देखी.... सोचा कि बाद में पढूंगा.... लेकिन शुरुआत ही हल्का सा पढ़ा था .... कि पूरा पढ़ के ही दम लिया.... ह्म्म्फ़...ह्म्मफ्फ्फ़..... एक सांस में पढ़ा हूँ.... ना.... इसलिए हांफ रहा हूँ... आपकी लेखनी को नमन .....आपने शुरू से लेकर अंत तक बाँध कर रखा.... इस संस्मरण में.... संस्मरण ऐसा ही होना चाहिए कि आदमी बंध जाए... मैं तो उस लड़के कि हालत सोच कर खूब हंस रहा हूँ.... थोडा और जोर से आप लोग हंस देते तो शायद बेचारे का हार्ट फेल ही हो गया होता... हा हा हा हा .... बहुत ही अच्छा संस्मरण.... <br /><br /><br /><br />रिगार्ड्स......डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.com