tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post2186527755187943520..comments2023-12-30T03:15:36.067+05:30Comments on अजित गुप्ता का कोना: अतीत हमें वर्तमान में जीने नहीं देताअजित गुप्ता का कोनाhttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comBlogger53125tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-62538902441195852582012-01-27T12:35:15.851+05:302012-01-27T12:35:15.851+05:30बहुत ही सार्थक चिंतन!!
अतीत गौरव से मात्र सीख लेत...बहुत ही सार्थक चिंतन!!<br /><br />अतीत गौरव से मात्र सीख लेते हुए चरित्र निर्माण का पुरूषार्थ होना चाहिए। अतीत गौरव को नशे की तरह जीना, और मदहोश पडे रहना दुर्भाग्य है। प्रमादियों के साथ दुर्भाग्य जुड़ा ही होता है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-21886945936092236202012-01-25T19:21:25.904+05:302012-01-25T19:21:25.904+05:30भारत भी यदि दूसरे देशों से वर्तमान में जीना सीख ले...भारत भी यदि दूसरे देशों से वर्तमान में जीना सीख लें तो भारत का भविष्य भी ज्यादा सुखी हो सकता है...ekdam sahi baat kahi aapne.. <br />saarthak chintanyukt post..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-75480954295072123102012-01-24T22:56:32.769+05:302012-01-24T22:56:32.769+05:30very thoughtful and to the point
excellent
yes Ind...very thoughtful and to the point<br />excellent<br />yes India has not learned to stay in present and look for futuresmhttp://realityviews.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-62184755767959558402012-01-24T21:02:58.970+05:302012-01-24T21:02:58.970+05:30मेडम ये सारा सिलसिला मुस्लिम तुष्टिकरण का मिस्त्र ...मेडम ये सारा सिलसिला मुस्लिम तुष्टिकरण का मिस्त्र अन क्लीन ने शुरू किया था .पहले शाहबानो फिर शैतान की आयातों पर पाबंदी फिर mandir का taalaa kholaa tabhi se yah domino prabhaav zaari hai .<br />कोंग्रेस का अतीत उसका पिंड नहीं छोड़ रहा है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-83686478242067212792012-01-24T20:27:48.808+05:302012-01-24T20:27:48.808+05:30बहुत सच कहा है. सर्वांगीण विकास और सम्रद्धि के लिय...बहुत सच कहा है. सर्वांगीण विकास और सम्रद्धि के लिये अतीत और वर्तमान का उचित सामंजस्य जरूरी है. बहुत सारगर्भित आलेख ..आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-44410347450550746132012-01-24T18:40:16.850+05:302012-01-24T18:40:16.850+05:30.
"अतीत हमेशा हानिकारक ही नहीं होता।
अतीत....<br /><br /><br /><br />"अतीत हमेशा हानिकारक ही नहीं होता। <br />अतीत से अनुभव आता है और हमें सही मार्ग चुनने का रास्ता मिलता है। <br />इसलिए दोनों पीढियां एक दूसरे का सम्मान करते हुए अपना मार्ग तय करें तो शायद हम सभी का भविष्य ज्यादा सुरक्षित रह सकता है।"<br />सच कहा आपने ।<br /><br /><br />इस विषय पर व्यापक फ़लक पर जिरह-बहस की अनेक संभावनाएं हैं । लेकिन एक बात तो तय है कि वर्तमान से संतुष्ट पाए जाने वालों की संख्या नाममात्र ही होगी…<br /><br /><br /><br />बहरहाल,<br />सारगर्भित - सार्थक लघु आलेख के लिए आभार !<br /><br />शुभ कामनाओं सहित…Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-56262288338297785952012-01-23T23:10:51.658+05:302012-01-23T23:10:51.658+05:30सहज और संक्षिप्त - किन्तु यथार्थ परक पोस्ट ! दिल छ...सहज और संक्षिप्त - किन्तु यथार्थ परक पोस्ट ! दिल छु गया ! इसमे एक कसक भी है !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-85276866994936729402012-01-23T22:05:32.539+05:302012-01-23T22:05:32.539+05:30आपके इस संक्षिप्त से पोस्ट का फलक विस्तृत है।आपके इस संक्षिप्त से पोस्ट का फलक विस्तृत है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-43747667127134012722012-01-23T20:32:52.489+05:302012-01-23T20:32:52.489+05:30बहुत सार्थक सटीक अभिव्यक्ति, बेहतरीन पोस्ट....
ne...बहुत सार्थक सटीक अभिव्यक्ति, बेहतरीन पोस्ट....<br />new post<a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/blog-post_18.html#links" rel="nofollow">...वाह रे मंहगाई...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-55706594753530101852012-01-23T16:33:16.297+05:302012-01-23T16:33:16.297+05:30कुछ के लिए अतीत ही वर्तमान हो जाता है।कुछ के लिए अतीत ही वर्तमान हो जाता है।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-29280398010100057512012-01-23T16:22:42.436+05:302012-01-23T16:22:42.436+05:30भले अतीत मार्ग दर्शक बने .गर्व करें उस पर .लेकिन व...भले अतीत मार्ग दर्शक बने .गर्व करें उस पर .लेकिन वतमान को सँवारे अतीत के अच्छे तत्व लेके ,भविष्य वर्तमान से ही प्रसवित होता है .जो भी है बस यही एक पल है नखलिस्तान है .आप ब्लॉग पर आईं,हमारा भी हौसला बढ़ा .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-10239656658571566662012-01-23T01:01:34.071+05:302012-01-23T01:01:34.071+05:30देवानंद साहब के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए...जिन्ह...देवानंद साहब के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए...जिन्होंने कभी रुकना नहीं सीखा...तमाम असफलताओं के बावजूद अपनी पुरानी किसी फिल्म का रीमेक नहीं बनाया..88 साल का उम्र में भी युवकों से भी ज़्यादा जोश उनमें आने वाले कल की योजनाओं के लिए रहता था...किसी ने उनसे कहा था कि आप की फिल्में पिटती है, मुनाफा नहीं देती, आप फिर भी फिल्में क्यों बनाते रहते हैं...उनका जवाब था जब मैं मुंबई आया था तो मेरी ज़ेब में दो रुपये, आठ आने थे...और जब तक वो मेरी ज़ेब में हैं, मैं मुनाफ़े में हूं...<br /><br />व्यस्तता के चलते ब्लागिंग में अनियमित हूं....माफ़ी चाहता हूं....<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-82273005262915185532012-01-22T16:38:25.633+05:302012-01-22T16:38:25.633+05:30जरूरी नहीं है की अतीत न होने पे देश या काल के लोग ...जरूरी नहीं है की अतीत न होने पे देश या काल के लोग नया ही सोचते हैं ... पाकिस्तान इसका उधाहरण है ... उका कोई इतिहास नहीं पर वो कुछ भी नया पुराना नहीं सोच पाते ...<br />अतीत का होना जरूरी है और नयी सोच को ग्रहण करना भी जरूरी है जिसके लिए खुली सोच जरूरी है जो हमारे देश में पैदा नहीं हो प रही ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-5637633303072104002012-01-22T15:13:28.735+05:302012-01-22T15:13:28.735+05:30behad prabhavshali post gupta ji ....sadar abhar.behad prabhavshali post gupta ji ....sadar abhar.Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-61632935569047381052012-01-22T15:06:53.879+05:302012-01-22T15:06:53.879+05:30बात बड़े संदर्भ में है इसलिए व्यक्तिगत जीवन से हट ...बात बड़े संदर्भ में है इसलिए व्यक्तिगत जीवन से हट कर कहूं तो हमारे देश का वर्तमान और भविष्य दोनो ही बेहतर होना चाहिए था...पर है नहीं..हां ज्यादा निराशा या ज्यादा आशावादी नहीं हैं....न ही वर्तमान न ही भविष्य....हमसे मुश्किल ये हुई कि सतत आगे बढ़ते रहने को प्रेरित करने वाले अतीत को भूल चुके हैं ..औऱ केवल अतीत के गौरव को ही आज भी ढो रहे हैं...हम सनातन क्यों थे....ये भूल कर हम वर्तमान को बदलकर जीना चाहते हैं..परंतु मुश्किल ये है कि अतीत अब भी निरंतर होकर वर्तमान में नही तब्दील हो रहा बल्कि लाश के बेताल की तरह हमारे कंधों पर सवार है और सिर के टुकड़े होने के डर से हम वेताल को उतार कर उसे सनातन यानि निरंतर नूतन की तरह इस्तेमाल नहीं कर रहे....कहीं भी हमारा अतीत ये नहीं कहता था कि कर्म को छोड़कर जीवन जिओ..बस हम यही कर रहे हैं....Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-61293325510573474762012-01-22T12:09:29.098+05:302012-01-22T12:09:29.098+05:30निर्मलाजी, अभी आपको याद ही कर रही थी कि आप की टिप्...निर्मलाजी, अभी आपको याद ही कर रही थी कि आप की टिप्पणी मिल गयी। आपका स्वास्थ्य कैसा है?अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-14171966451325589992012-01-22T11:12:59.517+05:302012-01-22T11:12:59.517+05:30सार्थक आलेख। अतीत न हो तो वर्तमान के सुख दुख को कै...सार्थक आलेख। अतीत न हो तो वर्तमान के सुख दुख को कैसे समझ सकेंगे--- अतीत की सीख ही हमे आगे ले जाती है। अजित जी किसी ब्लाग पे बहुत दिन से आ नही पाई लेकिन आपको बहुत याद किया। आशा है अब रोज मुलाकात होगी। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-77293839428953190222012-01-21T20:32:53.317+05:302012-01-21T20:32:53.317+05:30जिस किसी भी व्यक्ति के पास या देश के पास अपना अती...जिस किसी भी व्यक्ति के पास या देश के पास अपना अतीत नहीं होता वह वर्तमान में ही जीता है। पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद .प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-42717269102393830032012-01-21T12:04:35.209+05:302012-01-21T12:04:35.209+05:30संक्षिप्त सी पोस्ट यूं जैसे गागर में सागर ...बहु...संक्षिप्त सी पोस्ट यूं जैसे गागर में सागर ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-39567379748187243182012-01-21T10:33:01.312+05:302012-01-21T10:33:01.312+05:30बेहतरीन...
बीता हमारे साथ चलता है..बीतता नहीं कभी....बेहतरीन...<br />बीता हमारे साथ चलता है..बीतता नहीं कभी.<br />सादर.vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-26874337529065495572012-01-21T02:36:22.871+05:302012-01-21T02:36:22.871+05:30विचारणीय बातें ..... संक्षिप्त पर सार्थक पोस्टविचारणीय बातें ..... संक्षिप्त पर सार्थक पोस्ट डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-41037540865517394092012-01-21T01:00:04.820+05:302012-01-21T01:00:04.820+05:30आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है नयी पुरानी हलचल पर ...आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com" rel="nofollow"> नयी पुरानी हलचल </a> पर कल शनिवार 21/1/2012 को। कृपया पधारें और अपने अनमोल विचार ज़रूर दें।Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-59518296806382667852012-01-20T21:03:02.579+05:302012-01-20T21:03:02.579+05:30जैसी पोस्ट पढ़ते रहे हैं वैसा ही चिंतनशील आलेख...ए...जैसी पोस्ट पढ़ते रहे हैं वैसा ही चिंतनशील आलेख...एक बार फिर!SKThttps://www.blogger.com/profile/10729740101109115803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-60663808756458809582012-01-20T15:17:18.878+05:302012-01-20T15:17:18.878+05:30सही कहा है आपने कि अतीत के अनुभवों का इस्तेमाल वर्...सही कहा है आपने कि अतीत के अनुभवों का इस्तेमाल वर्तमान तथा भविष्य से भय नहीं बल्कि इन्हें और बेहतर बनाने के लिए किया जाना चाहिए.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-29501327759726823832012-01-20T12:30:43.199+05:302012-01-20T12:30:43.199+05:30पल्लवी जी, मैं यही कहने की कोशिश कर रही हूं कि नय...पल्लवी जी, मैं यही कहने की कोशिश कर रही हूं कि नयी पीढी के पास अतीत नहीं है इसलिए वह केवल वर्तमान में ही जीता है और पुरातन पीढी के पास अतीत है तो वह वर्तमान में ही जी नहीं सकता। यही विडम्बना है, इसी कारण मतभेद हैं। और शायद यही अंतर हर युग में बना रहता है इसी कारण जब हम बच्चे थे तो कुछ और थे और आज कुछ और हैं।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com