tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post2113873224625564219..comments2023-12-30T03:15:36.067+05:30Comments on अजित गुप्ता का कोना: कोने की धूपअजित गुप्ता का कोनाhttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-38833378489395621782020-02-28T10:07:19.306+05:302020-02-28T10:07:19.306+05:30धन्यवाद ओंकार जी।धन्यवाद ओंकार जी।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-43368203041832503462020-02-27T21:20:46.773+05:302020-02-27T21:20:46.773+05:30बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-54940912477219480012020-02-26T09:24:06.382+05:302020-02-26T09:24:06.382+05:30एकलव्य को उनके परिश्रम के लिये आभार।एकलव्य को उनके परिश्रम के लिये आभार।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-30422742472353460662020-02-26T09:23:12.444+05:302020-02-26T09:23:12.444+05:30ताऊ को राम राम। ताऊ को राम राम। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-62376578796410482082020-02-26T05:50:21.240+05:302020-02-26T05:50:21.240+05:30आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ...आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'बुधवार' २६ फ़रवरी २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br /><br /><br />टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।<br /><br /><br /><br />आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य''एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5543246866765877657.post-4903723614024744732020-02-25T15:49:05.485+05:302020-02-25T15:49:05.485+05:30क्या किया जा सकता है? इसे जनेरेशन गैप भी कहें तो न...क्या किया जा सकता है? इसे जनेरेशन गैप भी कहें तो नहीं चलेगा क्योंकि हममे और हमारे पेरेण्ट्स में भी तो था यह गैप. बस जमाने की हवा समझकर ही संतोष कर सकते हैं आज के मां बाप.<br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.com